बददी के निकट मढांवाला में आयोजित किया न्यूरोथैरेपी शिविर

बददी के निकट मढांवाला में आयोजित किया न्यूरोथैरेपी शिविर

विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे लोगों का बिना दवा बिना चीर फाड किया उपचार


गौशाला के संचालक नवीन कुमार व पंकज गुप्ता ने किया शिविर का शुभारंभ


बददी\सचिन बैंसल: बददी के निकट मंढावाला गौशाला के सभागार में न्यूरोथेरैपी कैंप का आयोजन किया गया। इसमें वैदिक उपचार केंद्र बददी की टीम ने विभिन्न बीमारियों से ग्रसित लोगों का उपचार किया और उनको राहत पहुंचाई। श्री श्याम गौशाला सेवा समिति मंडल मंढावाला के संचालक नवीन कुमार ने इस कैंप का शुभारंभ किया। आयोजक पंकज गुप्ता ने कहा कि आज आलम यह है कि हमारा खान पान ही ऐसा हो गया है कि हर व्यक्ति कहीं न कहीं छोटी मोटी बीमारी से ग्रसित है। इसको लेकर हमने यह कैंप लगाया था जिसमें तीन दर्जन लोगों को लाभ मिला।

 गौशाला के संचालक नवीन कुमार ने कहा दिन प्रतिदिन दुनिया भारतीय चिकित्सा पद्दति को महान मानते हुए उसकी और मुड रही है। क्योंकि भारतीय पारंपरिक चिकित्सा द्वारा ही हर बीमारी का जड से इलाज संभव है। इसलिए अब समय आ गया है कि हम अपनी गौरवशाली ऐतिहासिक चिकित्सा पद्दति योग, आयुर्वेद, मर्म चिकित्सा, पंच महाभूत चिकित्सा, प्राकृतिक चिकित्सा आदि को गौरव दें और इन्हें घर घर तक पहुंचाने में हर सम्भव प्रयास करें। इससे आम जनता को बहुत लाभ मिलेगा जो महंगे इलाज करवाने में असमर्थ रहते हैं उनके लिए यह केंद्र संजीवनी का केंद्र बनेंगे। न्यूरो थेरेपिस्ट मोहिंदर पाल ने कहा कि  न्यूरोथेरेपी बहुत ही प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्दति है।

जिसमें रोगों को ध्यान में रखते हुए शरीर के अलग अलग हिस्सों पर दबाव देने से हर बीमारी का इलाज किया जाता है। उन्होंने कहा कि इसमें पेट से सम्बंधित रोग जैसे नाभि की समस्या, गैस बनना, कब्ज रहना, भूख न लगना, दस्त, एसिडिटी, जोडों के दर्द जैसे गर्दन दर्द, कमर दर्द, स्लिप डिस्क, सियाटिका, सर्वाइकल, महिलाओं की समस्या सम्बंधी रोग, त्वचा रोग, एलर्जी, एगसिमा, सोरायसिस, सफेद दाग, चेहरे व सिर के दाग, मुंहांसे, मोतिया, नींद न आना, यादाशस्त कमजोर होना, सिर दर्द, माइग्रेन, जुकाम, अस्थमा, थाइरोइड, पैरालसिस, हृदय रोग, लंबाई का न बढना, मोटापा आदि बीमारी का सफलता पूर्वक इलाज किया जाता है। कैम्प के आयोजक पंकज गुप्ता ने कहा कि इस वेलनेस सेन्टर का मुख्य उद्देश्य आम जनता को छुपी हुई भारतीय चिकित्सा विज्ञान से अवगत करवाना है, जिसके सहारे हर व्यक्ति स्वयं के शरीर की प्रकृति को समझते हुए खुद का वैद्य बने और स्वयं को निरोगी रख सके। क्योंकि भारतीय चिकित्सा पद्दति आम व्यक्ति के लिए और सब का हेल्थ बजट जीरो परसेंट रखने में सक्षम है।