कपूरथला: कांग्रेस विधायक राणा गुरजीत को बड़ा झटका, इस मामले में हाईकोर्ट ने लगाया जुर्माना

कपूरथला: कांग्रेस विधायक राणा गुरजीत को बड़ा झटका, इस मामले में हाईकोर्ट ने लगाया जुर्माना

कपूरथला: कांग्रेस विधायक राणा गुरजीत को बड़ा झटका, इस मामले में हाईकोर्ट ने लगाया जुर्माना

कपूरथला: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कपूरथला से कांग्रेस के विधायक राणा गुरजीत सिंह को कोर्ट में पेश नहीं होने पर 25 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। हाईकोर्ट ने उन्हें इस जुर्माना राशि को चंडीगढ़ स्थित PGIMER में पुअर पेशेंट्स वेलफेयर फंड में जमा कराने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने मामले की आगामी सुनवाई के लिए 4 नवंबर 2022 की तिथि निर्धारित की है। गौरतलब है कि विधानसभा हलका कपूरथला से आप पार्टी से रिटायर्ड जज मंजू राणा ने चुनाव लड़ा था। उन्होंने मतदान केंद्र में अधिकारियों और राणा गुरजीत सिंह की मिलीभगत बताते हुए उन पर मतगणना में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे। मंजू राणा का आरोप था कि चुनाव के दौरान जितने वोट पड़े थे, मतगणना के समय उससे अधिक वोट मशीन से निकले हैं। मंजू राणा ने मतगणना में गड़बड़ी बताते हुए चार दिन तक धरना दिया था।

उन्होंने चुनाव में धांधली के आरोप लगा केस दर्ज किए जाने की मांग रखी। उन्होंने प्रशासनिक तथा पुलिस अधिकारियों को मीडिया के माध्यम से हिदायत दी थी कि जो गलत कार्य वह पहले करते रहे हैं, उसे छोड़ दें और ईमानदारी से कार्य करें। उस समय शहर के पार्षद भी धरना स्थल पर उनसे आकर मिले थे। मंजू राणा ने आरोप लगाए थे कि शहर के एक पार्षद की एक बूथ पर 2 वोट बनी हैं और दोनों वोट का मतदान किया गया। इस प्रकार की धांधली के कारण विपक्षी प्रत्याशी विजेता बना है।


10 मार्च को पंजाब विधानसभा चुनाव की मतगणना से ठीक दो दिन पहले हाईकोर्ट ने एसएसपी कपूरथला को 3 सप्ताह के भीतर स्पीकिंग ऑर्डर देने के निर्देश दिए थे। दरअसल, आप की उम्मीदवार और रिटायर्ड जज मंजू राणा ने कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह के खिलाफ पुलिस को शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की थी। मंत्री राणा गुरजीत पर दशहरे वाले दिन मंजू के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी (कलरफल रिमार्क्स) का आरोप था। मंजू राणा ने कहा था कि दशहरे के दिन आप द्वारा लगाई गई छबील के दौरान तत्कालीन कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने पानी ऑफर किया गया था। तब राणा द्वारा उन्हें देखते हुए (आपत्तिजनक टिप्पणी) कलरफुल रिमार्क्स पास किए गए थे। थाना सिटी में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर मंजू राणा को हाईकोर्ट की शरण में जाना पड़ा था।