हर व्यक्ति को होना चाहिए श्रीमद् भागवत गीता के महत्व का ज्ञान: ज्ञानानंद जी महाराज

हर व्यक्ति को होना चाहिए श्रीमद् भागवत गीता के महत्व का ज्ञान: ज्ञानानंद जी महाराज

श्री राधा कृष्ण मंदिर कोटला कलां में चल रहे धार्मिक समागम में बाबा बाल जी ने दिया श्रद्धालुओं को आशीर्वाद

ऊना/सुशील पंडित : श्री राधा कृष्ण मंदिर कोटला कलां में चल रहे धार्मिक वार्षिक सम्मेलन में बाबा बाल जी महाराज ने आए हुए श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। इस वार्षिक सम्मेलन में विशेष रुप से पधारे महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी श्री ज्ञानानंद महाराज ने गीता के उपदेश पर प्रवचन किए। स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने गीता का जो महत्व हमें बताया है, उसका अनुसरण हमें अपनी जिंदगी में करते रहने चाहिए और अच्छे कर्म करते हुए भक्ति मार्ग पर चलने का प्रयास करना चाहिए।

उन्होंने  कहा कि सत्संग बड़ा दुर्लभ है। उन्होंने कहा कि मनुष्य का जीवन बड़ा ही दुर्लभ है। जीव पशु हो मनुष्य हो चींटी हो, सभी में एक ही आत्मा है परंतु नर तन के समान कोई दुलर्भ योनि नहीं है। मनुष्य में जो मस्तिक है, वो किसी में नहीं है। उन्होंने कहा कि गीता सभी समस्याओं का समाधान है।
गीता मनीषी ज्ञानानन्द जी महाराज ने प्रवचन के दौरान बताया कि आज विश्व के वातावरण मे सभी मनुष्य तनाव,दबाव व टेंशन से ग्रस्त हैं। इस सभी का समाधान श्रीमद भगवत गीता में है। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने युद्ध भूमि मे अर्जुन को अपने कर्तव्य का बोध कराया। कि वह अपने कर्तव्य का पालन कैसे करें। गीता मनीषी ने बताया कि आज संसार मे जितनी भी समस्याएं है।

उन सभी का समाधान गीता मे है। उन्होने कहा कि नर तन सबसे श्रेष्ठ है। क्योंकि नर शरीर प्राप्त होने पर ही मनुष्य भगवान मे अपना मन लगाकर उसे प्राप्त कर सकता है। उन्होने कहा कि जितने भी आविष्कार बढ रहे हैं। उतने ही तनाव बढ रहे हैं। उन्होने कहा कि अब से 30-40 वर्ष पूर्व टेंशन शब्द को कोई जानता भी नही था। परन्तु अब प्रत्येक व्यक्ति अपने आप को टेंशन ग्रस्त बता रहा है। उन्होंने कहा कि सभी समस्याओं का समाधान गीता में है। मनुष्य के जीवन मे कहीं ना कहीं सघर्ष चलते रहते है। परन्तु भागवत गीता का उपदेश संघर्षो से बचने का समाधान बताता है। गीता मनीषी ने सभी से आहवान किया कि प्रतिदिन गीता का पाठ करें व गीता मे बताए गए मार्ग पर चलें। जिससे उनका जीवन शान्ती से कट सके।