पंजाबः दरबार साहिब में लड़की को रोकने के मामले का CCTV फुटेज में आया सच सामने

पंजाबः दरबार साहिब में लड़की को रोकने के मामले का CCTV फुटेज में आया सच सामने

अमृतसरः दरबार साहिब में युवती को जाने से रोकने के मामले में एक वीडियो सोमवार को वायरल हुआ था। जिसके बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव ने घटना पर माफी मांगी और कहा कि महिला के चेहरे पर चित्रित झंडा तिरंगा नहीं था। वहीं आज एसजीपीसी के द्वारा इस मामले को लेकर सीसीटीवी फुटेज जारी किया गया है और दावा किया है कि सेवादार ने उसे प्रोटोकाल का पालन करने के लिए कहा था। लेकिन वह चिंतित हो गई और अपने परिवार को वापस आने के लिए कहा। कुछ ही मिनटों में वह फिर आई और सेवादार से बहस करने लग गई।

बता दें कि इस मामले को लेकर आज सुबह शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा था कि यह एक सिख तीर्थस्थल है। प्रत्येक धार्मिक स्थल की अपनी मर्यादा होती है ... हम सभी का स्वागत करते हैं ... यदि कोई अधिकारी दुर्व्यवहार करता है तो हम क्षमा चाहते हैं ... उसके चेहरे पर लगा झंडा हमारा राष्ट्रीय ध्वज नहीं था क्योंकि उसमें अशोक चक्र नहीं था। यह एक राजनीतिक झंडा हो सकता था। बताया जा रहा है कि सेवादार सर्बजीत सिंह का भी ट्रांसफर कर दिया गया है। 

गौरतलब है कि इस मामले में आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने वीडियो जारी करते हुए युवती को बाहर निकालने वाले सेवादार सर्बजीत सिंह को 5 लाख का इनाम देने की घोषणा की थी। आतंकी पन्नू ने कहा कि पंजाब भारत का हिस्सा नहीं है, यह संदेश स्वर्ण मंदिर से आ गया है। सेवादार सर्बजीत सिंह को 5 लाख रुपए का भेंट की घोषणा की गई। यह वे सिख है, जिसने ऐलान कर दिया है कि पंजाब भारत का हिस्सा नहीं है। वे तिरंगा जिस भारतीय हुकूमत ने 1984 में स्वर्ण मंदिर के ऊपर चढ़ाया था, अब वे गोल्डन टेंपल के अंदर नहीं आ सकता।