Jalandhar: Gold Medalist Dr. Munish Khurana के क्लीनिक पर सेहत विभाग की Raid

Jalandhar: Gold Medalist Dr. Munish Khurana के क्लीनिक पर सेहत विभाग की Raid
Jalandhar: Gold Medalist Dr. Munish Khurana के क्लीनिक पर सेहत विभाग की Raid

जालंधर, (वरुण/हर्ष): महानगर से बड़ी ख़बर सामने आई है। शहीद उधम सिंह नगर में चर्चित गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. मुनीष खुराना के मेडिवर्ल्ड में पुलिस और सेहत विभाग की द्वारा दबिश दी गई। मेडिवर्ल्ड में एसएचओ कमलजीत सिंह और ड्रग इंस्पेक्टर अनुपमा कालिया द्वारा रेड की गई। मामले की जानकारी देते हुए ड्रग इंस्पेक्टर अनुपमा कालिया ने बताया कि उन्हें थाना नंबर 4 की पुलिस द्वारा सूचना मिली थी कि क्लीनिक में अवैध दवाईयां बेची जार रही है। सूचना के आधार पर उन्होंने क्लीनिक में छापेमारी की। लेकिन इस छापेमारी दौरान क्लीनिक से कोई अवैध दवाई बरामद नहीं हुई।

मौके पर नहीं हुई कोई अवैध दवाई बरामदः कालिया

जांच में कुछ भी बरामद ना होने पर ड्रग इंस्पेक्टर अनुपमा कालिया ने बताया कि हमनें बारीकी से जांच की है, लेकिन क्लीनिक से अवैध रूप से बेची जा रही कोई अवैध दवाई बरामद नहीं हुई है और ना ही कोई एसा दस्तावेज मिला है जिसपर दवाइयों का हिसाब किताब लिखा जाता हो। बता दें कि शिकायत में यह भी कहा गया था कि डॉक्टर मनीश खुराना नवे अपने क्लीनिक में दवाइयों को स्टॉक करके रखा हुआ है।

रेड दौरान मौके पर नहीं मिले डॉ. मुनीष 

लेकिन हैरानी की बात यह है कि पुलिस द्वारा मामले की सूचना दी गई और मौके से ना तो कोई अवैध दवाई बरामद हुई और ना ही मौके पर डॉ. मुनीष खुराना मौजूद रहे। अनुपमा कालिया से डा मुनीष को लेकर मीडिया ने बातचीत की तो उन्होंने बताया कि वह कुछ देर में क्लीनिक में पहुंच रहे है। इस दौरान उन्होंने कहा कि डॉक्टर मनीष के क्लीनिक में जो कुछ दवाइयां मिली भी हैं उन्हें वह अपनी प्रैक्टिस के लिए प्रयोग कर सकते हैं। इतनी दवाइयां वह अपने क्लीनिक पर आपातकाल के लिए रख सकते हैं।

चंडीगढ़ से मिली रिपोर्ट के आधार पर की गई थी रेड

वहीं दूसरी ओर एसएचओ कमलजीत सिंह ने बताया कि चंडीगढ़ से मिली रिपोर्ट के आधार उन्होंने ड्रग इंस्पेक्टर अनुपमा कालिया को सूचना दी थी। मौके पर डॉ. मुनीष के लाइसेंस के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया। चंडीगढ़ से मिली सूचना के बाद डॉ. मुनीष का मौके पर ना मिलना और उनके क्लीनिक से कुछ भी बरामद ना होना और पुलिस प्रशासन का अभी इस मामले को लेकर खुलकर मीडिया को मामले की पूरी जानकारी ना देना एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।