पिछले 75 साल के बाद भी चुनाव आयोग नहीं बढ़ा पाया मतदान 

पिछले 75 साल के बाद भी चुनाव आयोग नहीं बढ़ा पाया मतदान 
उत्सव के रूप में मनाये मतदान दिवस- कौशल
बददी/सचिन बैंसल : भाजपा के जिला  कार्यकारिणी सदस्य कृष्ण कुमार कौशल ने कहा कि आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी चुनाव आयोग मतदान को बढ़ाने में नाकाम रहा है। वोटिंग मशीन के आने के बाद भी मतदान प्रतिशतता नहीं बढ़ पाई है। जिसका सबसे बड़ा कारण मतदाताओं को घंटो लाईनों में लगना और धक्की मुक्की सहना है। यही कारण है कि 30 से 35 फीसदी लोग अभी भी वोट डालने नहीं आ रहे है।  आज भी हमारे देश में उम्मीदवार का चयन सही मायने में लोकतांत्रिक प्रणाली से नहीं हो रहा है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि उत्सव के रूप में मतदान दिवस मनाया जाना चाहिए। देश व प्रदेश में जहां पर सभी दलों के उम्मीदवार अपने मतदाताओ में अपनी जीत देखते हुए उसे भगवान का दर्जा देते है, वहीं चुनाव आयोग मतदाताओं को घंटो लाईन में खड़ा करके उन्हें एक मुजरिम की तर्ज पर सजा देता है। इस दौरान बुर्जग, महिलाएं और बीमार भी लाइन में खड़े होते है। अब इसे समाप्त किया जाना चाहिए। मतदाताओं को बैठने के लिए हर बूथ पर कुर्सियां लगाने का काम होना चाहिए जिससे लोग आराम से बैठ कर अपनी बारी का इंतजार कर सके। इससे मतदान भी सुचारू होगा और मत प्रतिशतता भी बढ़ेगी 
उन्होंने बताया कि पिछले विस चुनाव में हिमाचल में 65.92 फीसदी मतदान हुआ। यहां पर 35 फीसदी मतदान कम होने का यही कारण है। लोग लंबी लाइन व  भीड़ को देखते हुए अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग नहीं कर रहे है। जो कि लोकतांत्रिक प्रणाली में ठीक नहीं माना जाता है। 35 फीसदी मतदाता वह लोग है जो शिक्षित और सही उम्मीदवार का चयन करने वाले है। ऐसे में भीड़ एकत्रित करने वाले लोग भी चुनाव में बाजी मार लेते है। और सही उम्मीदवार को चयन नहीं हो पाता है। अगर मतदाताओं को बैठने का पर्याप्त प्रबंध हो तो मतदान भी बढ़ेगा और सही उम्मीदवार का भी चयन होगा। कृष्ण कौशल ने इस संबंध में पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के साथ भी बद्दी प्रवास के दौरान चर्चा की थी। जय राम ठाकुर ने भी उनके विचारों पर सहमित जताई थी और चुनाव आयोग सुझाव भेजने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो सही प्रत्याशी के चयन के साथ साथ चुनाव प्रणाली और मजबूत होगी।