मोतिया प्लाजा में लोहडी की पूर्व संध्या पर आयोजित हुए कई कार्यक्रम 

मोतिया प्लाजा में लोहडी की पूर्व संध्या पर आयोजित हुए कई कार्यक्रम 

लोहड़ी में कहा जाता हैं कि इस दिन वर्ष की सबसे लम्बी अंतिम रात होती हैं

बददी/ सचिन बैंसल : लोहडी के अवसर पर बददी में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। मोतिया प्लाजा में व्यापारियों ने लोहडी के अवसर पर विभिन्न गीत गाए और सबके मंगल की कामना की। एन.यू.जे इंडिया के प्रदेशाध्यक्ष रणेश राणा ने अपने संबोधन में कहा कि सामान्त: त्यौहार प्रकृति में होने वाले परिवर्तन के साथ- साथ मनाये जाते हैं जैसे लोहडी में कहा जाता हैं कि इस दिन वर्ष की सबसे लम्बी अंतिम रात होती हैं । इसके अगले दिन से धीरे-धीरे दिन बढने लगता है। साथ ही इस समय किसानों के लिए भी उल्लास का समय माना जाता हैं।  खेतों में अनाज लहलहाने लगते हैं और मौस सुहाना सा लगता हैं, जिसे मिल जुलकर परिवार एवम दोस्तों के साथ मनाया जाता हैं।

इस तरह आपसी एकता बढ़ाना भी इस त्यौहार का उद्देश्य हैं। लोहड़ी का त्यौहार कब मनाया जाता हैं। इस साल 2023 में यह त्यौहार मानाया जा रहा है।  त्यौहार भारत देश की शान हैं। हर एक प्रान्त के अपने कुछ विशेष त्यौहार हैं।  इन में से एक हैं लोहडी पंजाब प्रान्त के मुख्य त्यौहारों में से एक हैं जिन्हें पंजाबी बडे जोरो शोरो से मनाते हैं। प्रदेशाध्यक्ष राणेश राणा ने आगे कहा कि मुख्यत: यह सभी त्यौहार परिवार जनों के साथ मिल जुलकर मनाये जाते हैं, जो आपसी बैर को खत्म करते हैं। पुराणों के आधार पर इसे सती के त्याग के रूप में प्रतिवर्ष याद करके मनाया जाता हैं। घर की विवाहित बेटी को इस दिन तोहफे दिये जाते हैं और भोजन पर आमंत्रित कर उसका मान सम्मान किया जाता हैं।

इसी खुशी में श्रृंगार का सामान सभी विवाहित महिलाओ को बाँटा जाता हैं।  लोहडी में रबी की फसले कट कर घरों में आती हैं और उसका जश्न मनाया जाता हैं। मोतिया प्लाजा की प्रभारी सपना रावत ने आगे बताया कि किसानों का जीवन इन्ही फसलो के उत्पादन पर निर्भर करता हैं और जब किसी मौसम के फसले घरों में आती हैं हर्षोल्लास से उत्सव मनाया जाता हैं। लोहडी में खासतौर पर इन दिनों गन्ने की फसल बोई जाती हैं और पुरानी फसले काटी जाती हैं।  इन दिनों मूली की फसल भी आती हैं और खेतो में सरसों भी आती हैं। यह ठण्ड की बिदाई का त्यौहार माना जाता हैं।