पंजाबः हिंदू राष्ट्र व खालिस्तान के मुद्दे पर विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राणा केपी का आया बड़ा बयान, देखें वीडियो

पंजाबः हिंदू राष्ट्र व खालिस्तान के मुद्दे पर विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राणा केपी का आया बड़ा बयान, देखें वीडियो

आनंदपुर साहिब/संदीप शर्मा: हिंदू राष्ट्र और खालिस्तान के मुद्दे को लेकर पंजाब विधान सभा के अध्यक्ष राणा केपी सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। दरसअसल, प्रेसवार्ता में पूर्व विधान सभा अध्यक्ष ने नया नारा देते हुए कहा कि ‘ना हिंदू राष्ट्र, ना खालीस्तान, युग युग जीवे हिंदोस्तान’। इस दौरान राणा केपी सिंह ने कहा कि देश मेें धर्म के नाम पर राजनीति करने वाले कभी सफल नही होंगे। उन्होने कहा कि देश में बांटने और धार्मिक कटड़वाद फैलाने वाली ताकते सक्रिय है। जबकि हमारे देश की सभ्यता एक जुटता में विश्वास रखती है।

बीते कुछ समय से देश वासियों को जात-धर्म पर बांटने का प्रयास किया जा रहा है। जिसकी शुरूआत वीपी सिंह ने मंडल कमीश्रर को लागू करने की शुरूआत की और दूसरी लाल कृष्ण अडवानी ने कमंडल रथ यात्रा शुरू की और उसी के बाद अब हिंदू राष्ट्र की आवाज बुलंद हो रही है। इस दौरान राणा केपी ने कहा कि उनका मानना हैकि अगर बहुसंख्य वर्ग हिंदू राष्ट्र की बात करेगा तो यह ठीक नहीं। उन्होंने कहा कि मैं हिंदू राष्ट्र की मांग उठाने वालों से अपील करूंगा कि वह इस मांग को छोड़कर देश की एक जुटता के लिए काम करें। राणा केपी ने कहा कि आप खालीस्तान का विरोध करें और हिंदू राष्ट्र की वकालत तो यह दो काम नहीं हो सकते।राणा केपी सिंह ने कहा कि देश को बांटने का प्रयास जात पर अधारित नहीं धर्म पर अधारित हो रहा है, जिसकी वह निंदा करते है।

जेल में बंद अमृतपाल सिंह को उनके वकीलों को ना मिलने को लेकर पूछे गए सवाल के जबाव में राणा केपी सिंह ने कहा कि इस देश का सिक्ख हमेशा से खुशहाल रहा है और देश के प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति और बड़े-बड़े पदों पर सिक्ख विराजमान रहे। लेकिन बीते कुछ समय से लगने लगा कि शायद सिक्खों को इंसाफ नहीं मिल रहा। लेकिन मेरा मानना यह है कि देश के हर नागरिक को लगना चाहीए कि उससे इंसाफ हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर सिक्खों के साथ इंसाफ नहीं हुआ है तो वह है 1984 के दंगे। एसवाईएल नहर के बारे में राणा केपी सिंह ने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पानी के बंटवारे को लेकर पहले मौजूदा पानी की स्थिति को भी देखा जाए इसका पंजाब सरकार को फायदा उठाना चाहीए। क्योंकि आज से 30 वर्ष पहले जितना पानी पंजाब में था उतना पानी आज के समय नहीं है।