अटल बिहारी बाजपेई महाविद्यालय में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन

अटल बिहारी बाजपेई महाविद्यालय में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन
ऊना/सुशील पंडित:  अटल बिहारी बाजपेई राजकीय स्नताकोर महाविद्यालय बंगाणा में राजनिति विज्ञान विभाग द्वारा समसामयिकी विषयों पर आधारित एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर सिकंदर नेगी ने की। सेमिनार का विषय नई शिक्षा नीति 2020, एससी/एसटी अधिनियम , सिडिशन लॉ इन इंडिया और युद्ध अपराध  था। सबसे पहले फाइनल ईयर की छात्रा अंशिता शर्मा ने नई शिक्षा नीति 2020 पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति कस्तूरी रंगन की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर आधारित है।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत वर्ष 2030 तक सकल नामांकन अनुपात  को 100% लाने का लक्ष्य रखा गया है। सभी छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करना है जिसका लक्ष्य 2025 तक पूर्व-प्राथमिक शिक्षा (3-6 वर्ष की आयु सीमा) को सार्वभौमिक बनाना है। स्नातक शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, थ्री-डी मशीन, डेटा-विश्लेषण, जैवप्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों के समावेशन से अत्याधुनिक क्षेत्रों में भी कुशल पेशेवर तैयार होंगे और युवाओं की रोजगार क्षमता में वृद्धि होगी। इसके बाद फाइनल ईयर की छात्रा करुणा शर्मा ने सिडिशन लॉ इन इंडिया पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि  इंडियन पीनल कोड, 1860 का चैप्टर VI (धारा 121 से धारा 130) राज्य के खिलाफ अपराधों (ऑफेंस अगेंस्ट स्टेट) से संबंधित है। इन कोड का उद्देश्य पूर्ण रूप से राज्य की सुरक्षा सुनिश्चित (इंश्योर) करना है। राज्य के खिलाफ अपराधों के मामले में कड़ी सजा देकर, जैसे आजीवन कारावास या मृत्युदंड की सजा से राज्य के अस्तित्व  की रक्षा की जा सकती है। सार्वजनिक शांति  सार्वजनिक व्यवस्था और राष्ट्रीय एकता में बाधा डालना राज्य के साथ-साथ सरकार के खिलाफ भी एक अपराध माना जाता है।इसके बाद फाइनल की छात्रा खुशी धीमान ने युद्ध अपराध पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि सैनिकों अथवा अन्यान्य व्यक्तियों के प्रतिकूल  लगभग उसी तरह के काम, जिनके लिये पकड़े जाने पर शत्रुओं के द्वारा वे दंडित किए जा सकते हैं, युद्ध अपराध कहे जाते हैं। अंतरराष्ट्रीय कानून के विरूद्ध किए गए काम, जो अभियुक्त के अपने देश के कानून के प्रतिकूल हैं, युद्ध अपराध (War crimes) में अंतर्निहित होते हैं; यथा, व्यक्तिगत लाभ के उद्देश्य से की गई लूट या हत्या, शत्रु राष्ट्र की ओर से या उसके आदेश से किए गए अपराध।
इसके बाद राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर सिकंदर नेगी ने कहा कि सेमिनार का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले संस्थाएं घटनाओं पर छात्रों को परिचित करवाना है और आगामी सिविल सर्विस की  तैयारी के लिए छात्रों को इससे काफी अच्छा मददगार साबित होगा।इस अवसर पर राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर सिकंदर नेगी, विशाल सोनी, इंदू बाल, कामना,सबिता , नेम सिंह और पलक अन्य गणमान्य  अतिथि मौजूद थे।