गुलाल और अबीर से जा सकती है आंखों की रोशनी

गुलाल और अबीर से जा सकती है आंखों की रोशनी

नई दिल्ली : होली का त्योहार अपने पूरे शबाब पर है। मौसम बसंती से सतरंगी होता जा रहा है। होली के दौरान खासकर बच्चे रंग, अबीर और गुलाल जमकर खेल रहे हैं। रंगों के इस त्यौहार को पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। बड़े, बुजुर्ग महिलाएं भी अबीर, गुलाल और रंग खेलते हैं। एक दूसरे को रंगों से शराबोर कर देते हैं। मगर कई बार यही रंग उनकी आंखों में पहुंच जाते हैं। ऐसी स्थिति में यह रासायनिक रंग आंखों की रोशनी के लिए खतरा पैदा कर देते हैं।

अगर आपके या परिवार में भी किसी सदस्य की आंखों में बाजार में धड़ल्ले से बिकने वाला रासायनिक रंग या सिंथेटिक गुलाल चला जाता है तो आंखों को रगड़ने या मसलने की गलती नहीं करें। बल्कि सतर्कतापूर्वक कदम उठाएं। नोएडा के सेक्टर 51 स्थित विजन प्लस आई सेंट की निदेशक और नेत्र सर्जन डॉक्टर रितु अरोड़ा कहती हैं कि होली खेलते समय लोगों को बहुत ही सतर्क रहने की जरूरत है। क्योंकि बाजार में बिकने वाले ज्यादातर अबीर, गुलाल और रंगों में खतरनाक रसायन मिले रहते हैं।

इसमें लेड ऑक्साइड, कॉपर सल्फेट, भारी धातु, क्रोमियम, एसिड, क्षार, अभ्रक, एस्बेस्टस, सिलिका और पाउडर ग्लास जैसे खतरनाक रसायन मिले होते हैं। आंखों के अंदर जाने पर ये रसायन कॉर्निया को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। साथ ही आंखों के परदे को डैमेज कर सकते हैं। इस दौरान की जाने वाली कोई भी लापरवाही से आंखों की रोशनी को भी खतरा पहुंच सकता है। इसलिए सुरक्षित होली खेलें।