गीजर फटने से कपल की मौत, हाल ही में हुई थी शादी
हैदराबाद: हैदराबाद के लंगर हौज के खादर बाग के एक घर में गुरुवार देर रात शॉर्ट सर्किट के चलते गीजर फट गया. इस भीषण दुर्घटना में एक नए शादीशुदा जोड़े की मौत हो गई। प्राथमिक जांच में शॉर्ट सर्किट को ही दुर्घटना का कारण माना जा रहा है। पुलिस को देर रात 9.30 बजे एक क्षेत्रीय नेता के जरिए मामले की जानकारी मिली।
बाथरूम में मृत मिले पति- पत्नी इसके बाद पांच मिनट के भीतर नाइट ड्यूटी ऑफिसर एस श्रुति, पुलिस इंस्पेक्टर के श्रीनिवास और एडिशनल पुलिस इंस्पेक्टर मुजीब उर रहमानी मौके पर पहुंचे तो दोनों पति- पत्नि को घर के बाथरूम में मृत पाया। 26 साल के डॉक्टर निसारुद्दीन और 22 साल की एमबीबीएस छात्रा और निसारुद्दीन की पत्नी उम्मी मोहिमीन साइमा की मौके पर मौत हो चुकी थी। नाइट ड्यूटी ऑफिसर ने तुरंत मृतक व्यक्तियों के शवों को जांच के उद्देश्य से पीएमई के लिए उस्मानिया जनरल अस्पताल को मुर्दाघर में संरक्षित करने के लिए स्थानांतरित करने की व्यवस्था की।
गीजर के चलते पहले भी हुई मौतें
बता दें कि इसके पहले इसी साल फरवरी में नासिक के जेल रोड इलाके में साक्षी जाधव की भी मौत बाथरूम में हो गई थी। बाथरूम में नहाते समय गैस गीजर चलाने के दौरान दम घुटने से उनकी मौत हो गई थी. साक्षी नहाने के लिए बाथरूम गई थीं. काफी देर बाद भी बाहर नहीं आईं तो घरवालों ने जब बाथरूम का दरवाजा तोड़ा तो वह बाथरूम में बेहोश पड़ी मिली। उस वक्त बाथरूम में गैस की गंध आ रही थी. उसे इलाज के लिए जिला सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसे मृत घोषित कर दिया गया. जाधव परिवार में साक्षी इकलौती बेटी थी।
क्यों खतरनाक हैं गीजर?
आमतौर पर घरों में लोग किचन और बाथरूम में इलैक्ट्रिक गीजर जरूर होते हैं। लेकिन अकसर इस गीजर को सर्दियों में लोग ऑन भी छोड़ देते है। अब लगातार गीजर ऑन रहने से इसमें लीकेज की समस्या हो जाती है। साथ ही गीजर को लंबे समय तक ऑन रखने से इसके बॉयलर पर काफी दबाव पड़ता है. गर्म पानी का दबाव बॉयलर में लीकेज कर देता है। ऐसे मेंअगर यह बॉयलर कॉपर का नहीं है तो वह फट जाता है. बॉयलर के फटने से कितना नुकसान हो सकता है ये तो नहीं कहा जा सकता लेकिन यह जरूर कहा जा सकता है कि अगर बॉयलर फटा या लीक हुआ तो इसका करंट आपकी जान ले सकता है। गीजर के पानी से नहाने के दौरान भी ये हो सकता है। इसके अलावा गैस गीजर भी बड़ी समस्या है. गैस गीजर कार्बन डाइऑक्साइड के बजाय कार्बन मोनोऑक्साइड उत्पन्न होता है, जिससे चक्कर आना, बेहोशी या घुटन हो सकती है।