बड़ी ख़बरः अन्नपूर्णा चोटी फतह करने के बाद पर्वतारोही बलजीत कौर का निधन

बड़ी ख़बरः अन्नपूर्णा चोटी फतह करने के बाद पर्वतारोही बलजीत कौर का निधन

नई दिल्लीः नेपाल में आठ हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित अन्नपूर्णा चोटी फतह करने के बाद पर्वतारोही बलजीत कौर का निधन हो गया। बलजीत कौर चोटी फतह करने के बाद जब वापस नीचे की तरफ उतर रही थी, उस समय वे लापता हो गई। बलजीत कौर कैंप-4 से लापता हो गई थी। उन्होंने बिना सप्लीमेंट ऑक्सीजन को इस्तेमाल किए ही चोटी फतह कर ली थी। वे एक महीने से भी कम समय में आठ हजार मीटर की चार चोटियों को फतह करने वाली पहली भारतीय पर्वतारोही थी।

बलजीत कौर का शव ढूंढने के लिए भेजे 3 हैलीकॉप्टर

कैंप के आयोजकों ने बलजीत कौर के शव को ढूंढने के लिए तीन हेलीकॉप्टर भेजे हैं। फिलहाल बलजीत कौर का शव नहीं मिला है। इससे पहले सोमवार को राजस्थान के रहने वाले 36 वर्षीय पर्वतारोही अनुराग मालू की भी मौत हो गई थी। अब तक इस कैंप में तीन पर्वतारोही अपनी जान गवा चुके हैं। इनमें भारत के अनुराग मालू और बलजीत कौर के साथ आयरलैंड के नोएल हन्ना शामिल हैं। नोएल हन्ना ने शिखर बिंदु से लौटने के बाद कैंप-4 में अंतिम सांस ली थी।

बलजीत ने 30 दिन के अंतराल में 5 चोटियों को किया था फतह

19 साल की छोटी-सी उम्र में बलजीत कौर ने मनाली के देओ टिब्बा को फतह कर अपने करियर की शुरुआत की थी। बलजीत कौर माउंट पमोरी को फतह करने वाली भारत की पहली महिला बनी थीं। इसके अलावा बलजीत कौर ने 30 दिन के अंतराल में लगातार आठ हजार मीटर की ऊंचाई वाली पांच चोटियों को फतह कर दिखाया था। इनमें अन्नपूर्णा, कंचनजंगा, एवरेस्ट, लोतसे और मकालु चोटी शामिल थी। बलजीत कौर जिला सोलन के ममलीग के एक सामान्य परिवार से संबंध रखती थीं। साल 2003 में उनके पिता बतौर एचआरटीसी ड्राइवर रिटायर हुए। वह घर पर अब खेती-बाड़ी करते हैं। बलजीत कौर की मां गृहिणी हैं और उन्हें अपने माता-पिता का माउंटेनियरिंग में आगे बढ़ने के लिए पूरा सहयोग मिलता था।