राज्य के बाहर पंजीकृत वाहनों का 10 गुणा टैक्स बढ़ाना घातक

राज्य के बाहर पंजीकृत वाहनों का 10 गुणा टैक्स बढ़ाना घातक

प्रदेश के उद्योग जगत में वर्कर ही नहीं पहुंचे तो थम जाएंगे मशीनों के पहिए

नालागढ़ उद्योग संघ ने किया प्रदेश सरकार के फैसले का विरोध

बददी/सचिन बैंसल: हिमाचल प्रदेश के बाहर के वाहन जो कि बीबीएन इंडस्ट्रियल एरिया में रोजाना आवागमन करते हैं उनके उपर राज्य सरकार द्वारा अत्याधिक टैक्स बढा देने के मामले पर बवाल मच गया है। राज्य के उद्योग संगठनों ने इस मसले को उद्योग के लिए घातक व आत्मघाती करार दिया है। आज यहां जारी प्रेस बयान में नालागढ़ उद्योग की प्रधान अर्चना त्यागी, महासचिव नवीन कुमार व संरक्षक रामगोपाल अग्रवाल ने बताया कि अधिसूचना के अनुसार राज्य के बाहर पंजीकृत वाहनों के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य में प्रवेश के लिए परमिट शुल्क 10 गुना अधिक बढ़ा दिया गया है। उन्होने कहा कि बी.बी.एन. औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले कई कर्मचारी बाहर यानी हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में रहते हैं और किराए की निजी उद्योग बसों के माध्यम से रोजाना बीबीएन आते हैं, अपनी ड्यूटी के आवश्यक हिस्से में भाग लेते हैं। परमिट शुल्क में वृद्धि से पड़ोसी राज्यों में पंजीकृत निजी बस ऑपरेटरों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा और साथ ही यह राज्य को नए निवेश और मौजूदा उद्योग की स्थिरता के मामले में नुकसानदेह स्थिति में डाल देगा। हालाँकि नालागढ़ उद्योग संघ ने कहा कि हम परमिट शुल्क के खिलाफ नहीं हैं। इसे पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ जैसे निकटवर्ती राज्यों के साथ जोडऩे की जरूरत है।

उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए, यह अनुरोध किया जाता है कि इस अधिसूचना के कार्यान्वयन को रोक दिया जाए और पड़ोसी राज्यों के अनुरूप परमिट शुल्क में संशोधन किया जाए। अर्चना त्यागी ने मुख्यमंत्री, उद्योग सचिव भारत सरकार, परिवहन आयुक्त शिमला, उद्योग निदेशक शिमला, निदेशक उद्योग भारत सरकार को भेजे पत्र में कहा है कि इस मसले पर पुर्नविचार किया जाए और तुरंत प्रभाव से वापिस लिया जाए। हम चाहते हैं कि वाहरी राज्यों के वाहनों पर टैक्स लगे लेकिन वो तर्कसंगत हो ताकि औद्योगिक विकास प्रभावित न हो।