कांग्रेसियों ने स्मार्टसिटी का किया "बेड़ा गर्क"

कांग्रेसियों ने स्मार्टसिटी का किया "बेड़ा गर्क"

घोटालों के लालच में 11वें स्थान से लुड़क कर 71वें स्थान पर पहुंचा जालन्धर

जालंधर/अनिल वर्मा। बीते पांच सालों दौरान सत्ता के नशे में चूर रहे कांग्रेसियों ने केन्द्र सरकार के सबसे बेहतरीन प्रौजेक्ट स्मार्ट सिटी का अपने लालचवश बेड़ागर्क कर दिया आज शहर में स्मार्टसिटी के लगभग सभी प्रौजेक्ट ठप्प हैं इसका कारण स्मार्टसिटी के तहत हुए हजार करोड़ रुपये के काम में घोटालों को माना जा रहा है। जिसके कारण आज जालन्धर शहर का नाम 11वें स्थान से लुड़क कर 71वें स्थान पर पहुंच चुका है।

स्मार्टसिटी के तहत चलाए जा रहे सबसे विवादित सरफेस वाटर प्रौजेक्ट, स्टार्म वाटर, एलईडी, चौंक तथा सड़कों का सौदर्यीकरण, कूड़े से खाद बनाना है। मगर सत्तासीन पार्टी कांग्रेस के किसी भी विधायक ने इस प्रौजेक्ट में चल रहे घोटालों के खिलाफ आवाज नहीं उठाई। सत्ता परिवर्तन होने के बाद आम आदमी पार्टी के विधायक शीतल अंगुराल तथा विधायक रमन अरोड़ा ने पंजाब सरकार से जालन्धर के आधीन हुए सभी स्मार्टसिटी प्रौजेक्टों की जांच करवाने के लिए कहा। घोटालों का पर्दाफाश होने की खबर केन्द्र सरकार तक पहुंची तो केन्द्रीय मंत्री साधवी निरंजना ज्योति ने जालन्धर का दौरा कर सभी प्रौजेक्टों की रिपोर्ट तैयार कर केन्द्र सरकार को सौंपी जिसके बाद जालन्धर का स्मार्टसिटी में रैंक 71वें स्थान पर लुड़क गया।

आज जालन्धर में स्टार्म वाटर प्रौजेक्ट के तहत डाली गई पाईप लाईन के तीन महीने बीत जाने के बाद भी कंपनी की ओर से सड़क नहीं बनाई गई और कंपनी बेहद देसी तरीके से इस काम को कर रही है। कूड़े से खाद बनाने के लिए बनाए गए पिट कंपोस्ट में आज तक एक किलो भी खाद नहीं बनाई गई सारा ध्यान मीडिया में सुर्खियां बटोरने में लगा रहा। पूर्व अधिकारियों ने जम कर स्मार्टसिटी को लूटा। फिलहाल केन्द्र सरकार के निशाने पर जालन्धर के कई अधिकारी हैं जिनके खिलाफ किसी भी वक्त केन्द्र सरकार बड़ी कारवाई कर सकती है।