पंजाबः कोहरे का कहर जारी, टूटा 54 साल का रिकॉर्ड, 2 डिग्री से नीचे लुढ़का पारा

पंजाबः कोहरे का कहर जारी, टूटा 54 साल का रिकॉर्ड, 2 डिग्री से नीचे लुढ़का पारा

चंडीगढ़ः पंजाब में शीत लहर का कहर दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। वहीं पंजाब में 13 वर्षों के बाद ऐसा हुआ है कि जनवरी में 24 दिन बीत जाने के बाद भी बारिश नहीं हुई है। मौसम विभाग के चंडीगढ़ केंद्र के मुताबिक साल 2011 से लेकर साल 2023 तक हर साल जनवरी में बारिश होती रही है। अभी आने वाले छह दिन और मौसम शुष्क रहेगा। वहीं, बुधवार को पंजाब में नवांशहर सबसे ठंडा रहा। यहां का न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं मोगा के बुध सिंह वाला में 2.5, रोपड़ 3.5, गुरदासपुर 3, बठिंडा 3.4, पटियाला 3.6, फरीदकोट 4, लुधियाना 4.1 डिग्री सैल्सियम तापमान दर्ज किया गया।

एसबीएस नगर में 54 साल में पहली बार दिन का तापमान इतना नीचे आया हैं। वहीं रोपड़ व गुरदासपुर में में रात का तापमान 3.5 डिग्री और दिन का तापमान 7.3 डिग्री रहा। यहां भी दिन का तापमान सामान्य से दस डिग्री कम रहा, जबकि रात का तापमान सामान्य से 2.8 डिग्री कम था। रोपड़ में 1987 के बाद पहली बार दिन का तापमान सात डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं मोहाली में रात का तापमान 2.6 डिग्री और दिन का तापमान 8.2 डिग्री रहा।

मौसम विभाग चंडीगढ़ के निदेशक एके सिंह के मुताबिक बारिश न होने से कोहरा छंट नहीं पा रहा है और हवा में मौजूद बारीक धूल के कण भी साफ नहीं हो पा रहे हैं। स्मॉक व फॉग दोनों मिलकर दृश्यता कम कर रहे हैं। इससे वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। वहीं, पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (पीएयू) लुधियाना से डॉ. पवनीत कौर किंगरा का कहना है कि बारिश न होने के कारण इस बार गेहूं की सिंचाई के लिए किसानों को भूजल का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। बारिश से फसलों को पोषक तत्व भी मिल जाते। इससे गेहूं की फसलों का विकास और बेहतर हो पाता।