सरकार के सामने आई नई मुसीबतः आटा, प्याज के बाद अब दवाओं की आई भारी कमी

सरकार के सामने आई नई मुसीबतः आटा, प्याज के बाद अब दवाओं की आई भारी कमी

नई दिल्ली: आर्थिक बदहाली का सामना कर रहे पाकिस्तान के सामने अब एक नई मुसीबत आ खड़ी हुई है। बढ़ती मंहगाई, आवश्यक वस्तुओं की किल्लत, बढ़ते विदेशी कर्ज और विदेशी मुद्रा भंडार की कमी के बीच अब पाकिस्तान को जीवन-रक्षक दवाओं की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी रूपये का मूल्य डॉलर के मुकाबले इतना गिर गया है कि देश को जरूरी दवाओं के आयात में भी दिक्कतें आ रही हैं।

दवा आपूर्तिकर्ताओं द्वारा आपूर्ति बंद करने के कारण सार्वजनिक और निजी दोनों स्वास्थ्य सुविधाएं आयातित टीकों, कैंसर उपचार में काम आने वाली दवाओं और अन्य जीवन रक्षक दवाओं की भारी कमी से जूझ रहे हैं। हालांकि पाकिस्तान के दवा कारोबारी पाकिस्तान की दवा नियमितता प्राधिकरण (DRAP) की मूल्य निर्धारण नीति को इस समस्या का मुख्य कारण बता रहे हैं। 

बता दें कि पाकिस्तान इस समय अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। महंगाई दर 30 फीसदी से ज्यादा हो गई है। पाकिस्तान आमतौर पर रमजान के महीने के दौरान राहत पैकेज देता है, लेकिन इस साल नकदी की तंगी से जूझ रही सरकार के पास देने के लिए कुछ नहीं है। पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो (पीबीएस) के अनुसार, संवेदनशील मूल्य संकेतक (एसपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति 22 मार्च को समाप्त सप्ताह में 47 प्रतिशत दर्ज की गई है। यहां आटा-दाल समेत खाने पीने एवं दैनिक उपयोग चीजों में भारी मात्रा में वृद्धि हुई है, जिससे जनता त्रस्त है।  

एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में प्याज की कीमत में 228.28 फीसदी, सिगरेट में 165.88 फीसदी, गेहूं के आटे में 120.66 फीसदी, गैस शुल्क में पहली तिमाही में 108.38 फीसदी और लिप्टन चाय में 94.60 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। ट्रैक की गई 51 वस्तुओं के अनुसार, डीजल की कीमत में 102.84 प्रतिशत, केले की 89.84 प्रतिशत, पेट्रोल की 81.17 प्रतिशत और अंडों की कीमत में 79.56 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।