सरकार ने इन 34 स्कूलों को बंद करने का लिया फैसला, जानें मामला

सरकार ने इन 34 स्कूलों को बंद करने का लिया फैसला, जानें मामला
सरकार ने इन 34 स्कूलों को बंद करने का लिया फैसला

गुवाहाटी: असम सरकार ने राज्य में 34 सरकारी स्कूलों को बंद करने का फैसला किया है। इन स्कूलों से करीब 1000 छात्र-छात्राओं में कोई भी इस बार राज्य बोर्ड की ओर से आयोजित 10वीं की परीक्षा पास नहीं कर सका। इस पर नाराज शिक्षा मंत्री रनोज पेगू ने कहा कि जिन स्कूलों में  सफलता की दर शून्य है, वहां करदाता के पैसे खर्च करना फिजूल है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा मंत्री ने कहा, 'स्कूलों का प्राथमिक कर्तव्य शिक्षा प्रदान करना है। यदि कोई स्कूल यह सुनिश्चित नहीं कर सकता है कि उसके छात्र दसवीं कक्षा की परीक्षा पास कर लें, तो इन स्कूलों को जारी रखने का कोई मतलब नहीं है। सरकार शून्य सफलता रिकॉर्ड बनाने वाले स्कूलों पर जनता का पैसा खर्च नहीं कर सकती है।'

पांच साल में असम का सबसे खराब रिजल्ट

34 स्कूलों के खिलाफ इस कार्रवाई की बात उस समय कही गई है जब राज्य में पांच साल का सबसे खराब 10वीं का रिजल्ट सामने आया है। इस साल करीब चार लाख उम्मीदवारों में से केवल आधे से थोड़ा अधिक 56.49% स्टूडेंट ने 10वीं बोर्ड की परीक्षा पास की। यह 2018 के बाद से सबसे कम है। राज्य में 68 अन्य स्कूलों में पास प्रतिशत 10% से भी कम रहा। 

एक सीनियर शिक्षा अधिकारी ने बताया, 'सरकार द्वारा संचालित उन स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया है, जिनका पास प्रतिशत शून्य था। लेकिन इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के भविष्य को देखते हुए उन्हें पास के हाई स्कूलों में दाखिला का मौका दिया जाएगा।' अधिकारियों ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा में निराशाजनक प्रदर्शन के लिए कोविड महामारी के कारण आई परेशानियों के साथ-साथ कई स्कूलों के शिक्षकों द्वारा छात्रों पर पूरा ध्यान नहीं देने को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही यह भी कहा गया कि पिछले साल के फॉर्मूले-आधारित मूल्यांकन के बाद इस बार नियमित बोर्ड परीक्षा के दौर में वापसी के कारण भी इसे पास करने वालों में लगभग 40% की भारी कमी आई। 

स्कूलों के बंद करने के फैसले पर अरविंद केजरीवाल नाराज

स्कूलों को बंद करने के फैसले पर विपक्षी दलों की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'स्कूल बंद करना समाधान नहीं है। हमें पूरे देश में कई नए स्कूल खोलने की जरूरत है। स्कूल बंद करने के बजाय, स्कूल में सुधार करें और शिक्षा को सही करें।' असम सरकार ने हाल ही में IIT गुवाहाटी के फैकल्टी सदस्यों की मदद से सरकारी स्कूलों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे शिक्षकों को प्रशिक्षित कराया था। वहीं, माध्यमिक शिक्षा निदेशक ममता होजई के अनुसार इस शैक्षणिक वर्ष तक उन सभी स्कूलों को पड़ोसी स्कूलों में मिलाने की योजना है, जिनका प्रदर्शन शून्य रहा। 

शिक्षा मंत्री रनोज पेगू ने दी चेतावनी 

असम के शिक्षा मंत्री रनोज पेगू ने चेतावनी दी है कि घटते नामांकन वाले स्कूलों को भी पास के संस्थानों में मिला दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि करीब 2500 ऐसे स्कूल जांच के दायरे में हैं। शून्य पास प्रतिशत वाले स्कूलों में सबसे अधिक कार्बी आंगलोंग जिले से हैं। यहां सात ऐसे स्कूल बंद होंगे। इसी तरह कछार और जोरहाट में पांच-पांच, धुबरी, गोलपारा, लखीमपुर और नगांव में दो-दो स्कूल हैं। चिरांग, दारांग, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, कामरूप, कोकराझार, नलबाड़ी, हैलाकांडी और पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिलों में एक-एक ऐसे स्कूल हैं।