अपने बुजुर्गों को भी उच्च सम्मान दें : सुमित सिंगला

अपने बुजुर्गों को भी उच्च सम्मान दें : सुमित सिंगला

पिता वोह सम्मानित विभूति होती है जो बचपन से जीवन भर चलना सिखाते हैं.

स्व. अमित सिंगला  और सुमित सिंगला का उद्योग जगत में नाम उनके पिताजी के संस्कारों देन  

बददी/सचिन बैंसल: क्योरटेक ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर सुमित सिंगला के पिता  स्व.  प्रेमचंद सिंगला के जन्म दिवस के अवसर पर क्योरटेक ग्रुप ऑफ़ कम्पनीज के प्रांगण में उन्हें याद करते हुए उनका बुत बीबीएन के गण्य मान्य व्यक्तिओं की उपस्थिति में स्थापित किया गया। इस अवसर पर सुमित सिंगला ने श्रद्धासुमन भेंट करते हुए बताया कि  स्व.  प्रेमचंद सिंगला जी को समर्पित शीघ्र ही उनके जीवनकाल पर एक पुस्तक का निर्माण करवा रहे हैं. "रियलिटी ऑफ़ लाइफ" किताब का विमोचन 21 नवंबर को स्व. अमित सिंगला जी की पुण्यथिति पर करवाया जायेगा। 42 पृष्ठों की उक्त पुस्तक को हिंदी, पंजाबी और इंग्लिश में प्रकाशित करवाया जायेगा। स्व. प्रेम चंद सिंगला जी की याद में हाल ही में एक भव्य रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया जिसमें 200 के लगभग लोग पहुंचे परन्तु रोटरी क्लब टीम सिर्फ 101 लोगों के रकत ही ले सकी. गौरतलब है कि  स्व.  प्रेमचंद सिंगला जिनका पिछोकड़ अमरगढ़ (रायपुर) जिला मलेरकोटला, पंजाब के क़स्बा से है का जन्म 22 जुलाई 1941 में श्री बिरुमल और माता मेघ्वंती की कोख से हुआ के जीवन संघर्ष पर विस्तृत जानकारी होगी।

इस अवसर पर उन्होंने बताया कि शुरू से ही श्री प्रेमचंद सिंगला सच्चाई व सादगी से जीवन जीने में विश्वास रखते थे।  उन्होंने अपनी जिंदगी की शुरुआत पंजाब सरकार के खाद्य व आपूर्ति विभाग फिर सरकारी स्कूल के शिक्षक के तौर पर की। कुछ समय पश्चात उन्होंने अमरगढ़ से पटियाला स्थित पंजाब राज्य विद्युत् मंडल में अपनी जॉब शुरू कर दी। जिक्रयोग है की उनकी धर्मपत्नी  दर्शना देवी ने भी विद्युत् मंडल में कार्यभार संभाल लिया. इनकी कोख से चार बच्चों ( दो सुपुत्र व दो सपुत्रियों) ने जन्म लिया। प्रेमचंद  सिंगला जहाँ धार्मिक गतिविधियों में सरगरम रहे के साथ साथ घरेलु जिम्मेदारियों का भी बखूबी निर्वाह करते रहे और उन्होंने 33 वर्ष तक विद्युत् मंडल में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर पहुँच कर ईमानदारी से सेवा मुक्त हुए। घर के मुखिया सव. प्रेमचंद  सिंगला जी ने चट्टान बनकर अपने घर को संभाला बाद में अपने सुपुत्र सुमित सिंगला को फैक्ट्री को आगे लेकर जाने के लिए अपना आशीर्वाद दिया। सुमित सिंगला का कहना है की आज वह जो कुछ भी हैं अपने बड़े भाई और माता पिता की बदौलत हैं। आज भी उनके सर पर अपने माता पिता और बड़े  भाई का बड़ा आशीर्वाद है ।