एनजीटी द्वारा गठित कमेटी सदस्यों ने पीएसीएल कंपनी का किया निरीक्षण

एनजीटी द्वारा गठित कमेटी सदस्यों ने पीएसीएल कंपनी का किया निरीक्षण

सीमावर्ती गांवों में प्रदूषण से निजात मिलने की जगी आस

ऊना/सुशील पंडित: पंजाब की सीमा से सटे सनोली, मजारा, मलूकपुर व बीनेवाल पूना गांवों में पीएसीएल उद्योग से निकलने वाले कैमिकल युक्त पानी व वायु प्रदूषण से स्थानीय निवासियों को राहत प्रदान करने की दिशा में प्रयास तेज कर दिए गए हैं। इसी दिशा में एनजीटी द्वारा गठित कमेटी के सदस्यों डीसी राघव शर्मा, डीसी रोपड़ डॉ प्रीती यादव सहित अन्यों ने पीएसीएल कंपनी का दौरा कर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। 

डीसी राघव शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल ‘एनजीटी’ ने प्रभावित पक्ष की याचिका पर डीसी रोपड़, डीसी ऊना, पंजाब प्रदूषण बोर्ड की एक कमेटी गठित करके मामले में हर संभव सकारात्मक हल निकालने के लिए समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती गांवों की इस समस्या को समाप्त करने के लिए प्रदेश सरकार के निर्देशों की अनुपालना करते हुए पुरज़ोर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि समस्या के निपटारे के लिए पहले पंचायत स्तर पर बैठकें हुईं जिसके बाद इन गांवों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से भी शिमला में मिला। प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने स्वयं आकर इन गांवों का दौरा किया था और अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को दी थी। जल शक्ति विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में सैंपल लिए और पाया कि उद्योग से निकलने वाले गंदे पानी से इन सीमावर्तीर् गांवों में पीने के पानी के स्रोत प्रदूषित हो रहे हैं और किसानों की खेती योग्य भूमि भी खराब हो रही है।