सदाशिव के जंगल में फंदा लगाकर की खुदकुशी

सदाशिव के जंगल में फंदा लगाकर की खुदकुशी

दो बहनों का इकलौता भाई था चुरुड़ू गांव का राहुल

ऊना/ सुशील पंडितः चुरुड़ू गांव के 26 वर्षीय राहुल कुमार की लाश संदिग्ध परिस्थितियों में शुक्रवार को सदाशिव मंदिर के पास जंगल में लटकती पाई गई है। बंगाणा पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार राहुल ने सुबह ही बड़ूही बाजार से एक रस्सी खरीदी और उसने दुकानदार से यह कहा कि रस्सी को बाइक के क्रैश गार्ड पर लपेटना है। रस्सी खरीदने के बाद उसका शव सदाशिव मंदिर से पहले जंगल में एक पेड़ से लटकता पाया गया। यह स्थान जोल से तलमेहड़ा के मध्य टीनां आला परो के नाम से जाना जाता है। राहुल की लाश मुख्य सड़क से लगभग 200 मीटर दूर पाई गई है। शव को पेड़ से लटकते हुए रामगढ़ धार रेंज क्षेत्र के फॉरेस्ट गार्ड ब्रजेश राणा ने उस वक्त देखा जब वह जंगल की नियमित गश्त पर था। उन्होंने पुलिस और खरयालता पंचायत के प्रतिनिधियों से संपर्क किया। 

तत्पश्चात पुलिस थाना बंगाणा के प्रभारी बाबू राम व पुलिस चौकी जोल के प्रभारी प्रदीप कुमार टीम सहित मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की। घटनास्थल से एक पिट्ठू बैग, सफेद रंग की जैकेट, दो कोल्ड ड्रिंक्स की छोटी बोतलें, एक खाली गिलास, नमकीन का पैकेट, चप्पलें और प्लास्टिक की एक पुरानी खाली बाल्टी मिली है। वहीं उसका मोटरसाइकिल सड़क के किनारे पाया गया। बैग में मिले दस्तावेजों के आधार पर मृतक की पहचान राहुल कुमार पुत्र चमन लाल वासी वार्ड नंबर 2 गांव चुरुड़ू के रूप में हो पाई। बताया जा रहा है कि राहुल की दो बहनें हैं। जिसमें एक शादीशुदा है। राहुल विदेश जाने की तैयारी भी कर रहा था। परिजनों के अनुसार वह सुबह ही घर से निकला था और उन्हें अब उसकी दुखद मृत्यु की सूचना मिल रही है।

पुलिस इस जांच में जुटी है कि राहुल अपने घर से इतनी दूर क्यों आया और उसने किन कारणों के चलते ऐसा कदम उठाया। राहुल के बारे में एक जानकारी और मिल रही है कि उसने दो दिन पहले भी ऐसी ही एक रस्सी खरीदी थी। दो बहनों के इकलौते भाई ने संभवतः पहले भी आत्महत्या करने की सोची होगी। मगर उस रस्सी का प्रयोग वह नहीं कर पाया। शुक्रवार सुबह घर से निकलने के बाद वह फिर से बड़ूही के उसी स्टोर पर गया और 90 रुपए में दो दिन में दूसरी रस्सी खरीदी। हालांकि उसने इस रस्सी का प्रयोग अपनी जीवन लीला समाप्त करने के लिए कर ही डाला।