चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर सिंघु बॉर्डर जैसे हालात....

चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर सिंघु बॉर्डर जैसे हालात....

चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर सिंघु बॉर्डर जैसे हालात....

चंडीगढ़: पंजाब के प्रदर्शनकारी किसानों ने मंगलवार की रात मोहाली के वाईपीएस चौक पर ही बिताई। गेहूं की फसल पर बोनस देने और 10 जून से धान की बुवाई की अनुमति देने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए राज्य की राजधानी जाने से रोकने के बाद से ही किसान मंगलवार से चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास धरने पर बैठे हैं और हाताल बिल्कुल सिंघु बॉर्डर जैसे हो गए हैं।

वहीं मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को राज्य के किसानों के आंदोलन को अनुचित और अवांछनीय बताया, लेकिन कहा कि वह बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने किसान संघों से पंजाब में गिरते भूजल को रोकने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों में शामिल होने के लिए भी कहा।

पंजाब के किसान 10 जून से गेहूं की फसल पर बोनस देने और धान की बुवाई की अनुमति देने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए राज्य की राजधानी जाने से रोके जाने के बाद मंगलवार को चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास धरने पर बैठ गए। बता दें कि सरकार ने किसानों से 18 जून तक धान की रोपाई नहीं करने को कहा है।

सीएम ने कहा कि किसानों के साथ बातचीत के लिए उनके दरवाजे खुले हैं लेकिन खोखले नारे भूजल के और कम होने को रोकने के उनके संकल्प को नहीं तोड़ सकते। मान ने दिल्ली से लौटने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्हें धरना देने का लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन उन्हें अपनी समस्या बतानी चाहिए।