बद्दी विश्वविद्यालय में नये सत्रा 2023-24 के प्रोस्पेक्ट का अनावरण

बद्दी विश्वविद्यालय में नये सत्रा 2023-24 के प्रोस्पेक्ट का अनावरण

यूनिर्वसीटी डीन डा. रवनीश मिश्रा और परीक्षा नियंत्राक डा. गीना शर्मा विशेष तौर पर रहे उपस्थित

बददी / सचिन बैंसल : रवीवार को बद्दी विश्वविद्यालय में नये सैक्षणिक सत्रा 2023-24 के प्रोस्पैक्ट का अनावरण सेमीनार हॉल में किया गया । जिसमें डीन डा. रवनीश मिश्रा, परीक्षा नियंत्राक डा. गीना शर्मा, फेकल्टी अलका शर्मा, अनुपमा, अनिता, भूपिन्द्र, देवेन्द्र चौधरी सहित आस पास की आधा दर्जन पंचायतो के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए । आये हुए सभी अतिथियों को बद्दी विश्वविद्यालय की ओर से सम्मान चिन्ह देकर सम्मानित किया गया । 

कार्यक्रम के दौरान डा. रवनीश मिश्रा ने 2023-24 सत्रा की जानकारी देते हुए कहा कि हमारी यूनिवर्सीटी हिमाचल की पहली नीजि संस्थाओं में से एक है और पिछले 20 वर्षों से लगातार नये आयाम स्थापित कर रही है । उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रा के दूर दराज इलाके में पढ रहे विद्यार्थीयों को उच्च शिक्षा प्रदान करना है । हमारा लक्ष्य उनके सपनों को पूरा करना है । उन्होंने कहा कि हमारा छात्रा ही हमारा किंग है । यहां पर सरकार द्वारा प्रायोजित सभी प्रकार की स्कालरशिप छात्रों को प्रदान की जाती है इसके इलावा बी.टेक इलैक्ट्रीकल स्ट्रीम के विद्यार्थीयों को विशेष तौर पर एक वर्ष की स्टडी के उपरान्त ही बददी की विभिन्न कम्पनियों में हर महीने 15 दिन का व्यावहारिक ज्ञान के साथ साथ ट्रेनिंग भी उपलब्ध करवाई जाती है । जिसके बदले में उन्हें अच्छा स्टाईफंड तो मिलता ही है साथ में डिग्री पूरी करने के प्श्चात् तीन वर्ष का अच्छा खासा अनुभव भी हासिल होता जाता है जोकि अनके कैरियर में मील का पत्थर साबित होता है । उन्होंने कहा कि हिमाचल में ड्रग पार्क और डिवाईस पार्क आने से अगले चार-पंाच वर्षों में नौकरियां  का पिटारा खुलने वाला है उसी के मद्देनजर यहां पर अनेक प्रकार के कोर्स संचालित किए  जा रहे हैं । इस दौरान द्वितिय व तृतीय वर्ष के छात्रों ने भी अपने अनुभव सांझा किए ।

स्थानीय प्रचायत प्रतिनिधि के सवाल पुछने पर कि क्या यहां की पंचायत के निवासियों के बच्चों को फीस में कोई विशेष प्रकार की छुट का प्रावधान किया गसा है, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि यदि स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि किसी भी बच्चे की अनुशंसा करते हैं तो प्रशासन की ओर से विशेष छुट दी जा सकती है बशर्ते बच्चों में अपने विषय के प्रति गहरी लग्न और पढ़ने की गम्भीरता हो ।