45 हजार रुपये राशन किटटों को पैक कर भेजा साई

45 हजार रुपये राशन किटटों को पैक कर भेजा साई

साई पंचायत व बुआसनी पंचायत के ग्रामीणों के साथ है पूरा समाज: अनिल शर्मा

बददी/सचिन बैंसल:दून क्षेत्र के साई व बुआसनी पंचायत के आपदाग्रस्त गांवों के लोगो को राहत देने के लिए बरोटीवाला पीजीआई लँगर सेवा कमेटी आगे आई है। कमेटी ने वहां पर 45000 रुपये का राशन एकत्रित किया था जो कि किटट के रुप में था।  पीजीआई लँगर सेवा कमेटी को बुआसनी पँचायत के युवा नीलू ठाकुर व बलविंदर ने फोन पर वहां के परिवारों की हालात बताए और आग्रह किया कि पीजीआई लँगर सेवा कमेटी को वहां के उन परिवारों जिनका इस आपदा में घर, जमीन सब तबाह हो गए और वे टेंटो व सत्संगघर व सरकारी स्कूलों में पनाह लिए है उनकी सहायता करनी चाहिए।  पीजीआई लंगर सेवा कमेटी ने सोशल मीडिया पर आपदाग्रस्त परिवारों की मदद से एक अभियान चलाया जिसमें हर वर्ग से स्थानीय व बाहरी राज्यो व सरकारी मुलाजिमों व प्राइवेट सेक्टर व पँचायत प्रतिनिधियों व समाजसेवियों ने सहयोग किया।
पीजीआई लंगर सेवा कमेटी के सदस्यों अनिल शर्मा बताया कि ने व्यापक तौर पर लोगो को इस कार्य मे सहयोग के लिए जोडा और 45000 का अमाउंट व राशन एकत्रित किया , ऐसे समय में पीजीआई लँगर कमेटी को ऐसी माताओं ने अधिक प्रभावित किया जिन्होंने हर दिन भगबान ने नाम पर निकाले अपने पैसे ये कहकर दिए कि भगवान भी तभी प्रसन्न होंगे जब उनके नाम पर निकाले पैसे हम ऐसे समय मे लोगो की मदद के लिए लगाएं।  अमरजीत चौधरी व गौरव गुप्ता ने बताया कि यहां के परिवारजनों से मिलकर और उनका दु:ख देखकर लगता है कि जो सहयोग दिया वो भी कम है, शुभम गुप्ता व विशाल शर्मा की आंखों में 75 साल के बुजुर्ग से बात करते आंखे नम हो गई जब उन्होंने की इस उम्र में अब जिंदगी नए सिरे से कैसे शुरू करूँ और आसमान की तरफ शून्यता से निहारते चुप हो गए । वहीं सुनील नेगी व अनिल शर्मा से जब एक माँ ने कहा कि बच्चे आप सब सरकार से कहना हमे मकान,  जमीन दे हमने कभी किसी की नौकरी न की थी हम अपनी जमीन में टमाटर, सब्जी इतना उगाते थे कि उन्हें बेचकर अपना जीवन यापन चला रहे थे ,पर अब कहते कहते उस बूढी मां की रुलाई फुट गई , पीजीआई लँगर कमेटी ने सबको हौसला दिया। अब पीजीआई कमेटी सदस्य सब निजी संस्थाओं व उधोगपतियों व प्रशासन से मांग करते है इन परिवारों का जीवन फिर से पटरी पर लाने के लिए संयुक्त योजना बनाएं ताकि इनके जख्म जल्द से जल्द भरे जाएं।