पंजाबः  50 लाख रुपए खर्च करके लगाए गए कैमरे बने सफेद हाथी, देखें वीडियो

पंजाबः  50 लाख रुपए खर्च करके लगाए गए कैमरे बने सफेद हाथी, देखें वीडियो

नंगलः तेजी से बदल रहे युग को लेकर जहां सब कुछ हाईटैक हो रहा है वहीं शहरों को भी तीसरी आंख के अधीन लाया जा रहा है। ताकि शहरों में अपराधिक घटनाओं और शरारती तत्वों पर नुकेल कसी जा सके। नंगल शहर की बात करें तो नंगल शहर की बहु करोड़ी नंगल नगर कौंसिल जोकि पंजाब की नंबर एक नगर कौंसिल है इसने लाखों रुपए का बजट रख कर शहर में लगभग 130 कैमरे लगाए ताकि शहर को तीसरी आंख के अधीन लाया जा सके और अपराधिक गतिविधियों पर नुकेल कसी जा सके और अपराधिक घटनाओं से बचा जा सके। नगर कौंसिल नंगल द्वारा लगभग 50 लाख रुपए खर्च करके लगाए गए कैमरे सिर्फ सफेद हाथी बन कर रह गए हैं।

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नंगल शहर के भीड़भाड़ वाले स्थानों पर लगाए गए कैमरे मात्र शो-पीस बन कर रह गए हैं। इनका नंगल पुलिस थाने के साथ संपर्क टूट गया है और यह कैमरे बंद पड़े हैं। इन कैमरों को लेकर पत्रकारों द्वारा कई बार नंगल नगर कौंसिल और अधिकारियों से सवाल पूछे गए लेकिन स्थिती वैसे की वैसे बनी हुई है। इन कैमरों की तरफ सभी का ध्यान उस समय हुआ जब नंगल शहर में लगातार लूटपाट की वारदातें होनी शुरू हो गई और अपराधी हाथ नहीं आए। हद तो तब हो गई जब हिन्दू नेता की हत्या करने वाले अपराधी फरार हो गए और नंगल नगर कौंसिल के कैमरे बंद रहे। पुलिस को दुकानों पर लगाए कैमरों को खंगालना पड़ा और इस हाईटैक केस को हल किया। 

लोगों की मांग है कि अगर यह कैमरे चलते होते तो अपराधिक घटनाओं पर नुकेल कस सकती थी और अपराध की घटनाओं को अंजाम देने वाले लोग भी डरते और यह अपराधिक घटनाएं ना होती। लोगों का यह भी कहना है कि इन सभी घटनाओं और हो रही वारदातों की जिम्मेवारी नंगल नगर कौंसिल की है क्योंकि लोगों का पैसा नंगल नगर कौंसिल सही में इस्तेमाल नहीं कर रही। लूट खसूट हो रही है। नंगल नगर कौंसिल के खिलाफ भी कार्यवाही करनी चाहिए। जब इस संबंधी नंगल नगर कौंसिल के प्रधान संजय साहनी से बात की तो उन्होंने कहा कि जैसे ही उनके ध्यान में यह मामला आया उन्होंने कार्यवाही करनी शुरु कर दी और कैमरे चलाए जा रहे हैं।

इन कैमरों को चलाने के बाद पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा। इस संबंधी जब कैमरे ठीक कर रहे कर्मचारी से पूछा गया तो उसका कहना है कि जब तक कंट्रोल रूम में टैक्नीशियन और हैल्पर नहीं होते तब तक इन कैमरों को चलाने का कोई फायदा नहीं। क्योंकि कुछ समय चलने के बाद अगर कहीं कैमरे में दिक्कत आती हो तो उसका पता नहीं लगेगा और धीरे-धीरे कैमरे फिर से बंद हो जाएंगे और हालत फिर वैसे की वैसे बन जाएंगे। अब देखना यह होगा कि सुरक्षा में आए नगर कौंसिल द्वारा लाखों रुपए का बजट खर्च करके लगाए गए इन कैमरों के प्रति नंगल नगर कौंसिल उचित काम करवा पाती है यां बस लीपा पोती करके ही छोड़ देती है।