पंजाबः किडनी कांड में SIT ने किया बड़ा खुलासा, सामने आए 3 और फर्जी मामले  

पंजाबः किडनी कांड में SIT ने किया बड़ा खुलासा, सामने आए 3 और फर्जी मामले   

चंडीगढ़ः इंडस इंटरनेशनल अस्पताल के किडनी कांड में एसआईटी की जांच में तीन और फर्जी मामले सामने आए हैं। इससे पहले चार फर्जी मामले सामने आ चुके है। लेकिन अब तीन और मामले सामने आने के बाद अब तक कुल सात फर्जी मामले हो गए है। जांच में पता चला है कि पिछले तीन साल में अस्पताल ने 35 किडनी ट्रांसप्लांट की है। इनमें से सिर्फ दो मामले एक-दूसरे से संबंधित थे। जिसमें सेंट्रल कमेटी से मंजूरी ली गई थी जबकि 33 मामलों में किडनी देने और लेने वाले के करीबी रिश्तेदार बताए गए। इसमें मरीज और डोनर की उम्र के आधार पर कभी लड़का तो कभी भाई या अन्य रिश्तेदार दिखाया।

नियमों के अनुसार किसी भी जरूरतमंद मरीज को उसके परिजन ही किडनी दे सकते हैं, जिसके लिए किसी अस्पताल को बाहरी मंजूरी की जरूरत नहीं होती, जिसे अस्पताल की ओर से गठित समिति की ओर से अनुमोदित किया जा सकता है। बशर्ते अस्पताल कमेटी यह जरूर जांच करेगी कि जरूरतमंद मरीज को किडनी देने वाला उसका सगा रिश्तेदार है, इसके लिए कुछ दस्तावेजों को भी जरूरी रखा गया है। किडनी ट्रांसप्लांट के 35 मामलों में से 28 की जांच एसआईटी ने की है, जिनमें से 7 मामले फर्जी पाए गए हैं, जबकि 7 मामलों की जांच बाकी है। अभी तक जो सात मामले सामने आए हैं उनमें जालंधर, लुधियाना, कुरुक्षेत्र, बनूड़, मेरठ, बरेली और सिरसा के लोग शामिल हैं।

थानाध्यक्ष जसकंवल सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि सभी मामलों में किडनी देने वाले को अपना रिश्तेदार बताने के लिए तैयार किए गए सभी दस्तावेज जाली थे। उन्होंने कहा कि 8 मामलों में से कुछ और फर्जी मामले सामने आ सकते हैं। सिस्टम की इसी कमजोरी का फायदा उठाकर अस्पताल गरीब को पैसे का लालच देकर लाखों रुपये में किडनी बेच रहा था। अस्पताल में इसका खुलासा तब हुआ, जब सिरसा के 28 वर्षीय युवक कपिल को पैसों का लालच दिया और उसकी किडनी निकालकर लाखों रुपये में बेच दी। मामले के तूल पकड़ने के बाद पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। अस्पताल के कोऑर्डिनेटर अभिषेक और उत्तर प्रदेश निवासी राम नारायण को गिरफ्तार करने के बाद आगे की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया।