पंजाबः बीयर के शौकीनों को लग सकता है बड़ा झटका

पंजाबः बीयर के शौकीनों को लग सकता है बड़ा झटका

चंडीगढ़ः बीयर पीने के शौकीनों के लिए अहम खबर सामने आई है। पंजाब में शराब व्यापारियों ने राज्य सरकार से बीयर के लिए अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) खत्म करने की मांग की है ताकि वे 2024-25 में इसे अधिक कीमत पर बेच सकें और अपने ग्राहकों को बेच सकें। इससे घाटे को कम करने में मदद मिल सकती है। दरअसल, भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की राज्य सरकार अपनी तीसरी आबकारी नीति का मसौदा तैयार कर रही है, जिसके आधार पर शराब व्यापारियों से प्रतिक्रिया मांगी जा रही है।

पंजाब के वित्त, उत्पाद शुल्क एवं कराधान मंत्री हरपाल सिंह चीमा और उत्पाद शुल्क विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को चंडीगढ़ में शराब खुदरा विक्रेताओं से मुलाकात की थी। जिसके बाद खुदरा विक्रेताओं ने सरकार के समक्ष उक्त मांगें रखी है। दरअसल, बीयर की न्यूनतम और अधिकतम दरों का नियमन पिछले साल लागू किया गया था। बीयर की कीमत करीब 160 रुपये है, जिसे व्यापारी कम कीमत मानते हैं, इसलिए उन्होंने सरकार से नई नीति में इस प्रावधान को बाहर करने की मांग की है, ताकि बीयर की कीमत 180 से 200 रुपये के बीच रखी जा सके।

बेहतर व्यापार की संभावना के लिए, वे चाहते हैं कि सरकार भारतीय निर्मित शराब (आईएमएफएल) के लिए खुला कोटा प्रणाली को समाप्त करें और इस पर पंजाब निर्मित शराब (पीएमएल) पैटर्न के आधार पर कोटा सीमा लागू करे। उन्होंने तर्क दिया कि मौजूदा प्रणाली से थोक विक्रेताओं और निर्माताओं को अप्रत्यक्ष रूप से फायदा हुआ, जिससे खुदरा विक्रेताओं को भारी नुकसान हुआ। उन्होंने पीएमएल जैसे लाइसेंस शुल्क के माध्यम से आईएमएफएल कोटा को विनियमित करने का प्रस्ताव दिया है। व्यापारी चाहते हैं कि मैरिज पैलेसों को आयोजनों के लिए नजदीकी विक्रेताओं से शराब खरीदने की अनुमति दी जाए।