बड़ी खबरः पड़ोसी देश में हालात नाजुक, लगी इमरजेंसी!

बड़ी खबरः पड़ोसी देश में हालात नाजुक, लगी इमरजेंसी!

लाहौरः पाकिस्तान में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। पहले इमरान खान की गिरफ्तारी फिर पूरे देश में हिंसा और सुप्रीम कोर्ट से रिहाई। लगातार बदौलत परिदृश्य के साथ मुल्क बहुत नाजुक दौर से गुजर रहा है। वहीं अब एक बड़ी खबर सामने आई है कि पाकिस्तान में इमरजेंसी लगाई जा सकती है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से कैबिनेट ने सिफारिश की है कि देश में इमरजेंसी लगा दिया जाए। पीडीएम की सरकार जिसमें 13 पार्टियां शामिल हैं। जिस तरह से शहबाज शरीफ बात कर रहे थे और न्यायपालिका व इमरान खान के लिए खिलाफ उससे लग नहीं रहा था कि वो इस तरह का कोई निर्णय ले सकते हैं। बताया जा रहा है कि इमरजेंसी पर आखिरी फैसला प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ लेंगे।

ख्वाजा आसिफ हल्का सा हिंट दे चुके थे कि अगर जरूरत पड़ी तो इमरजेंसी को अम्ल में लाया जा सकता है।  पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि अगर देश में मौजूदा स्थिति बनी रहती है तो आपातकाल घोषित होने की संभावना है। आपको बता दें कि इमरान खान ने अपनी दोबारा गिरफ्तारी की आशंका को लेकर कहा था कि देश फिर से जल सकता है। एक तरह से इमरान खान ने सीधी चुनौती दे दी थी कि एक बार मुझे गिरफ्तार किया और पूरा देश जल उठा और फिर एक बार ऐसा होता है तो कुछ वैसा ही नजारा देखने को मिल सकता है। 

पाकिस्तान में क्या है आपातकाल का प्रावधान?

संविधान के अनुच्छेद 232 में आपातकाल की घोषणा का प्रावधान है। इसके अनुसार, यदि राष्ट्रपति इस बात से संतुष्ट हैं कि एक गंभीर आपादा की स्थिति है जिसके कारण पाकिस्तान या उसके किसी हिस्से की सुरक्षा पर युद्ध या बाहरी आक्रमण का खतरा मंडरा रहा है, या प्रांतीय सरकार के नियंत्रण से परे आंतरिक गड़बड़ी है तो वह आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर कार्य करने के लिए बाध्य होता है। हालांकि, प्रांतीय सरकार की नियंत्रित करने की शक्तियों से परे आंतरिक गड़बड़ी के कारण आपातकाल लगाने के लिए प्रांतीय विधानसभा से एक प्रस्ताव की आवश्यकता होगी। लेकिन मौजूदा स्थिति में, दोनों प्रांतों की विधानसभाएं इस साल की शुरुआत में ही भंग कर दी गई थीं।

इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद दोनों प्रांतों में हुआ प्रदर्शन

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के विरोध में दोनों प्रांतों में पीटीआई के प्रदर्शनकारियों ने हिंसा की है तथा सरकारी संस्थानों पर हमले किए हैं। संविधान के अनुसार, यदि राष्ट्रपति अपने दम पर आपातकाल की उद्घोषणा करता है, तो 10 दिन के भीतर प्रत्येक सदन द्वारा अनुमोदन के लिए दोनों संसदों के समक्ष रखा जाएगा।  आपातकाल के समय संघीय विधान सूची में शामिल नहीं किए गए किसी भी मामले के संबंध में संसद के पास प्रांत या उसके किसी भाग के लिए कानून बनाने की शक्ति होगी।

इस बीच पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने इमरान की गिरफ्तारी को गैरकानूनी करार दिया है। कोर्ट ने एक घंटे के अंदर इमरान खान को पेश करने के आदेश दिए। अदालत ने इस मामले पर ये भी कहा कि ये भविष्य के लिए मिसाल पेश करने का समय है। दरअसल, इमरान खान की गिरफ्तारी का मामला पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है, जिसके बाद अदालत ने ये आदेश दिया।