बड़ी खबरः 4 से 5 विधायकों के साथ पूर्व मंत्री आज कांग्रेस में हो सकते है शामिल

बड़ी खबरः 4 से 5 विधायकों के साथ पूर्व मंत्री आज कांग्रेस में हो सकते है शामिल

चंडीगढ़ः लोकसभा चुनावों को लेकर सियासी उठापठक शुरू हो गई है। वहीं सूचना मिली है कि हरियाणा के पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह आज पत्नी प्रेमलता के साथ कांग्रेस जॉइन करेंगे। कहा जा रहा है कि 10 साल वह घर वापसी कर रहे हैं। उनके बेटे बृजेंद्र सिंह के करीब एक महीना पहले कांग्रेस जॉइन कर चुके हैं। बीरेंद्र सिंह और उनकी पत्नी ने बीते कल बीजेपी को अलविदा कहा था। इस दौरान बीरेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है, अपना इस्तीफा पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा को भेज दिया है। मेरी पत्नी प्रेम लता, जो 2014-2019 तक विधायक रहीं, ने भी पार्टी छोड़ दी है। आज हम कांग्रेस में शामिल होंगे।

बीरेंद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रेमलता के कांग्रेस जॉइनिंग को लेकर हरियाणा भाजपा में भी हलचल शुरू हो गई है। चर्चा है कि हरियाणा भाजपा के 4 से 5 विधायक चौधरी बीरेंद्र सिंह के संपर्क में हैं। संभावना जताई है कि ये विधायक चौधरी बीरेंद्र सिंह के साथ कांग्रेस जॉइन कर सकते हैं। चर्चा है कि जो विधायक नाराज हैं उन्हें आने वाले विधानसभा में टिकट देने का प्रलोभन दिया गया है। चंडीगढ़ में सीएम के डिनर पर भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई है। सीएम नायब सैनी और पूर्व सीएम मनोहर लाल भी लगातार नाराज विधायकों के संपर्क में बताए जा रहे हैं। जाटों के दबदबे वाले जींद और इससे लगते एरिया को बांगर बेल्ट कहा जाता है और इस इलाके में किसानों के बड़े नेता रहे सर छोटूराम के नाती बीरेंद्र सिंह की मजबूत पकड़ रही है।

बीरेंद्र सिंह के परिवार का हिसार इलाके में भी बड़ा जनाधार है। एक बार खुद बीरेंद्र सिंह तो 2019 में उनके बेटे इस सीट से सांसद रहे हैं। जींद की उचाना सीट से 5 बार विधायक और दो बार राज्यसभा और एक बार लोकसभा सांसद रह चुके बीरेंद्र सिंह 43 साल तक कांग्रेस में रहने के बाद 2014 को लोकसभा चुनाव के बाद BJP में शामिल हो गए थे। कांग्रेस छोड़ने के पीछे की वजह उनके पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के साथ मतभेद रहे, लेकिन अब हुड्‌डा और बीरेंद्र सिंह फिर से एक-दूसरे के काफी करीब हो गए हैं। चौधरी बीरेंद्र सिंह ने अपना पहला चुनाव उचाना से 1977 में लड़ा और वह बड़े मार्जिन से जीत हासिल करते हुए MLA बने।

इसके बाद 1982 में फिर से वह उचाना से ही विधायक चुने गए। हालांकि बीरेंद्र सिंह चर्चा में उस वक्त आए जब उन्होंने हिसार लोकसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओमप्रकाश चौटाला को बड़े मार्जिन से हरा दिया था। ये ही वो वक्त था जब बीरेंद्र सिंह जींद से बाहर निकलकर हिसार तक अपनी छाप छोड़ चुके थे।इसके बाद बीरेंद्र सिंह 1991 में फिर से उचाना से विधायक बने और लगातार 2009 तक इस सीट पर विधायक रहे। हालांकि बीरेंद्र सिंह का सीएम बनने का सपना था, जो पूरा नहीं हो पाया। कभी CM नहीं बन पाने की टीस उन्हें हमेशा से रही। वह खुद अनेक बार अलग-अलग मंचों से इसका जिक्र भी करते रहे।