क्योरटेक कंपनी में विश्व स्तर की दवाओं का  देखने पहुंचे बददी इंटरनेशनल छात्र

क्योरटेक कंपनी में विश्व स्तर की दवाओं का  देखने पहुंचे बददी इंटरनेशनल छात्र

छात्रों ने उद्योगों में काम करने व उत्पादन की गतिविधि व तरीका जाना

माता पिता की सेवा के साथ साथ स्कूली छात्र देश का नाम रोशन करें: सुमित

बददी/सचिन बैंसल : बददी इंटरनेशनल स्कूल के लगभग 70 मेधावी छात्र अपने शिक्षकों के साथ विश्व प्रसिद्ध क्योरटेक फार्मा समूह के प्रांगण में स्थानीय दवाओं के निर्माण कार्य को देखने पहुंचे। इस अवसर पर क्योरटेक समूह के मैनेजिंग डायरेक्टर सुमित सिंगला ने सभी शिक्षकों और छात्रों का स्वागत किया और कंपनी के विश्व स्तर दवा, कैप्सूल व ड्राई सिरप निर्माण के आटोमेटिक प्लांट का निरिक्षण किया। इस अवसर पर सुमित सिंगला ने छात्रों को अपील की कि वह अपने माता पिता की सेवा, जिनका सपना है कि उनके बच्चे उच्च शिक्षा  प्राप्त  कर उनका व देश का नाम ऊँचा करें, को पूरा करने हेतु कडी मेहनत करें. उन्होंने कहा की नवयुवाओं को नशों की दलदल व अन्य बुरी आदतों से भी दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष की भांति बददी इंटरनेशनल स्कूल हमेशा शिक्षा और खेलों के क्षेत्र में अग्रिम पंक्तियों में रहता है, और बच्चे देश का भविष्य होते हैं, जो इस बढिय़ा स्कूल में उच्च क्वालिटी की शिक्षा प्राप्त  कर रहे हैं ; जो निसंदेह भविष्य में अच्छा मुकाम प्रापत  कर सकेंगे। उन्होंने स्कूल मैनेजमेन्ट को आश्वाशन दिया कि क्योरटेक ग्रुप समाज सेवा में स्कूल का पूरा पूरा साथ देगा। इस अवसर पर उन्होंने कक्षा 8वीं व 10वीं के छात्रों को अच्छे परिणाम लाने हेतु प्रेरित किया. कई छात्रों ने दवा निर्माण के कार्यों से प्रभावित होकर भविष्य में बी.फार्मा की शिक्षा लेने और दवा निर्माण के क्षेत्र में आने की इच्छा व्यक्त की। सुमित सिंगला ने कहा की क्योरटेक ग्रुप सदैव ही फ्रेशर्स को उत्साहित करता रहा है और मौजूदा समय में कई प्रसिद्ध फार्मा उद्योगों को शुरू करवाने में भी क्योरटेक कंपनी उनके शुरूआती समय में सहयोगी रहा है। इस अवसर पर स्कूली छात्रों ने क्योरटेक समूह के एच.ओ.डी. व विभिन्न विभागों के अधिकारियों से भी बातचीत की जिनमें तापस दास, अमित कुमार, दीक्षित शर्मा, दीपक शर्मा, डी के तोमर,  मुनीश वर्मा, विपिन, मोहित शर्मा, नरेश, बुधराम ठाकुर, बलवंत, जगतार सिंह शामिल हैं।  स्कूल छात्रों के साथ आने वाले शिक्षकों ने भी अपने विचार रखे।