आप सरकार में भी नहीं रुका तबादलों का भ्रष्टाचार

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तहसील में सीटों के लिए लगी खुली बोली, 30 से 40 हजार देकर मलाईदार सीटें अलाट होने की चर्चा

जालंधर/अनिल वर्मा/वरुण अग्रवाल। जालन्धर तहसील इस बार मलाईदार सीटों की बदलियों को लेकर खूब चर्चा में है यहां बीते दिनों कई कलर्कों की बदलियां की गई और उन्हे मनपसंद सीटों पर बिठा दिया गया। इसके बदले खुली बोली होने की चर्चा इस वक्त पूरी तहसील में है कहा जा रहा है कि यह सिलसिला पिछले 20 सालों दौरान लगातार चल रहा था हर सरकार में कलर्कों की बदलियों के एवज में मोटी रिश्वत वसूली जाती थी मगर सूबे में जब आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो इस चर्चा पर विराम लग गया था कि अब मनपसंद सीट पर हासिल करने के लिए किसी भी तरह की कोई रिश्वत नहीं चलेगी मगर ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला। जालन्धर तहसील में 20 से ज्यादा कलर्कों को इधर से उधर कर दिया गया। इनमें से ज्यादातर ऐसे कलर्क थे जिन्होने पेशकी के साथ अपनी मनपसंद दो सीटों की इच्छा जताई थी जिसमें एक पर मोहर लगा दी गई। 

दूसरी ओर इस तबादले में सियासी गलियारे में भी खूब चर्चा है कि पूर्व विधायकों को भी नाराज किया गया और जिन कलर्को पर विधायकों का हाथ था उन्हे भी दरकिनार कर दिया गया। इन तबादलों को रुकवाने या अपने चहेतों को दोबारा सीटें दिलवाने के लिए विधायक भी एक्टिव हो गए हैं। माना जा रहा है कि तहसील में जिन कलर्कों ने मोटी रकम देकर मलाईदार सीटें हासिल की थी उन पर जल्द ही सियासी संकट के बादल छा सकते हैं और दौबारा चहेतों को मलाईदार सीटें अलाट की जा सकती है। वहीं रिश्वत के बूते बदलियां करने वाले अधिकारी पर जांच की तलवार लटकती दिखाई दे रही है कि आखिर किस आधार पर तबादलों को बिना जांच परखे किया गया। फिलहाल इस मामले में जल्द कोई नया मोड़ आने की संभावना काफी प्रबल दिखाई दे रही है।