ऊनाः क्षेत्रीय अस्पताल में गर्भवती की मौत
बाद में डॉक्टर ने कहा कि मरीज को खून की कमी है। खून के दो यूनिट लाए गए लेकिन कोई नहीं चढ़ पाया। रात्रि डेढ़ बजे स्टाफ ने कहा कि आपके मरीज की मौत हो गई है। हमें तो समझ में नहीं आ रहा कि उसे हुआ क्या है। जतिंदर का कहना है कि मौत के बाद अस्पताल पोस्टमॉर्टम करने पर अड़ा रहा। हमने उनसे कहा कि हमें चीरफाड़ नहीं करवानी। मगर अस्पताल ने कहा कि जाकर एसडीएम से लिखवा लो। हालांकि दबाव बनने के बाद अस्पताल ने मृतका अंशुल कुमारी की डेड बॉडी का सिजेरियन किया।
सिजेरियन के बाद गर्भ में मृतक बच्चे को बाहर निकाला गया। शोक में डूबे जतिंदर ने बताया कि गर्भ में बेटा पल रहा था। दोनों मां बेटे के शव अस्पताल ने परिवार को सौंप दिए हैं। जिनका सोमवार शाम बाथड़ी में संस्कार कर दिया गया। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मौत के कारणों को जानने के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा। कमेटी की जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि मौत किस वजह से हुई।
अभी भी राज्य के मरीज बाहरी राज्यों के अस्पतालों पर निर्भर हैं। किसी भी जिला अस्पताल में अभी तक आईसीयू स्थापित नहीं हो पाए हैं। अकेले आईसीयू के कारण ही हिमाचल के असंख्य लोग पीजीआई जाते समय रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं।