पंजाब से बड़ी खबरः पुलिस ने अमृतपाल सिंह की पत्नी को एयरपोर्ट पर रोका, विदेश जाने की फिराक में थी किरणदीप

पंजाब से बड़ी खबरः पुलिस ने अमृतपाल सिंह की पत्नी को एयरपोर्ट पर रोका, विदेश जाने की फिराक में थी किरणदीप

अमृतसरः अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए पुलिस कई राज्यों में छापेमारी कर रही है।  लेकिन अभी भी अमृतपाल सिंह पुलिस की गिरफ्त से दूर है। वहीं अब बड़ी खबर सामने आई है कि अमृतसर के एयरपोर्ट पर अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप कौर को पुलिस ने एयरपोर्ट पर ही रोक लिया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वह लंदन जाने की फिराक में थी। बताया जा रहा है कि किरणदीप कौर से पुलिस द्वारा पूछताछ की जा रही है। गौर हो कि अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप कौर एनआरआई है और कहा जा रहा हैकि अब भी वह विदेश जाने की तैयारी में थी। पुलिस को किरणदीप कौर के विदेश जाने की जैसे ही सूचना मिली तो उन्होंने एयरपोर्ट पर ही किरणदीप कौर को रोक लिया।  बताया जा रहा है कि अमृतसर एयरपोर्ट से किरणदीप बर्मिंघम जाने वाली फ्लाइट से रवाना होने वाली थी। 

बता दें कि अमृतपाल सिंह ने इसी साल फरवरी में UK की एनआरआई किरणदीप कौर से शादी की थी। फरवरी में अमृतपाल से शादी के बाद किरणदीप कौर पंजाब ही रहने लगीं और इन दिनों अमृतपाल के पैतृक गांव जल्लूपुर खेड़ा में रहती हैं। किरणदीप की पारिवारिक जड़ें जालंधर में बताई जाती हैं। किरणदीप और अमृतपाल की शादी अभिनेता-कार्यकर्ता दीप सिद्धू द्वारा गठित संगठन 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने के महीनों बाद हुई थी।

पंजाब पुलिस ने पिछले दिनों उसकी पत्नी किरणदीप कौर से पूछताछ की थी। ये पूछताछ अमृतपाल सिंह की गतिविधियों के लिए कथित विदेशी फंडिंग के सिलसिले में की गई थी। पुलिस को जांच के दौरान पता चला था कि अमृतपाल को 35 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली है। सूत्रों ने कहा कि पंजाब पुलिस फंडिंग तंत्र का पता लगाने के लिए अमृतपाल, उनकी पत्नी, पिता और अन्य रिश्तेदारों के बैंक खातों की भी जांच कर रही है। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि अमृतपाल सिंह ने विदेशी स्रोतों से मिले पैसों को खर्च कर अपने और अपने आदमियों के लिए नई एसयूवी खरीदी।

गौर हो कि अमृतपाल के खिलाफ जांच के दौरान एजेंसियों को ISI कनेक्शन भी मिला था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अमृतपाल सिंह के आईएसआई से करीबी संबंध हैं। सूत्रों ने कहा कि पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति को अस्थिर करने के लिए उसे युवा सिखों को अपने समूह के तहत लाने के लिए कहा गया था। उसने विदेशी खालिस्तानी हमदर्दों से मिले पैसों से अवैध हथियार के अलावा 35 बुलेटप्रूफ जैकेट भी खरीदे थे।