Cough Syrup पीने से 18 बच्चों की मौत, जांच शुरू 

Cough Syrup पीने से 18 बच्चों की मौत, जांच शुरू 

नई दिल्लीः मीडिल ईस्ट का देश उज्बेकिस्तान से एक दर्दनाक खबर सामने आ रही है।  उज्बेकिस्तान में इंडियन कफ सिरप पीने से 18 बच्चों की मौत हो गई है। उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि 18 मरने वाले बच्चों ने इंडियन कंपनी का कफ सिरप पिया था। इस कंपनी का नाम है  डॉक-1 मैक्स सिरप। इस कफ सिरप को इंडियन दवा कंपनी मैरियन बायोटेक लिमिटेड ने बनाया था। लैब की जब जांच कि गई तो पाया कि सिरप में गंदी एथिलीन ग्लाइकॉल थी।

नोएडा के सेक्टर 67 में स्थित मैरियन बायोटेक कंपनी की दवा पीकर उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत होने का आरोप है। आरोप है कि कंपनी के द्धारा निर्मित डॉक-1 मैक्स टैबलेट और सीरप उज्बेकिस्तान भेजा गया था, जिसके सेवन से बच्चों की मौत हुई है। इन आरोपोंके बाद से कंपनी के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। जांच टीम में नोएडा के ड्रग इंस्पेक्टर वैभव बब्बर भी शामिल हैं। ड्रग इंस्पेक्टर वैभव बाबर ने बताया कि इस दवा की देश भर में सप्लाई नहीं है। इसे एक्सपोर्ट किया गया था।

18 बच्चों की मौत पर जयराम रमेश ने किया ट्वीट

इस पूरे मामले पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया है। जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा,'मेड इन इंडिया कफ सिरप बेहद जानलेवा है। पहले गांबिया में इसे पीने से 70 बच्चों की मौत हो गई थी। अब उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों को इस सिरप ने मौत के घाट उतार दिया। मोदी सरकार को इ दवाई कंपनियों पर तुरंत कंट्रोल करना चाहिए और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

मैरियन बायोटेक ने बनाया है सिरप

उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत पर मीडिया में कई तरह के रिपोर्ट छपे हैं। इन रिपोर्टों में पता चला है कि Dak1-Max खांसी की दवाई बिना डॉक्टर की सलाह पर अधिक मात्रा में ली गई थी। उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 21 बच्चें सांस लेने की दिक्कत से जूझ रहे थे। उन्होंने उन्होंने नोएडा के मैरियन बायोटेक की बनी कफ सिरप डॉक-1 मैक्स सिरप पिया था। जिससे उनमें से 18 की मौत हो गई।

उज्बेकिस्तान के अधिकारियों से बात कर रही है WHO

भारतीय अखबार के मुताबिक 'विश्व स्वास्थ्य संगठन'उज्बेकिस्तान के अधिकारियों से बातचीत कर रही है। बच्चों की मौत की जांच हो रही है। हालांकि, डॉक्टर-1 मैक्स की मैन्युफैक्चरिंग कंपनी मैरियन बायोटेक और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालयल ने इस पूरे मामले पर अभी तक कुछ नहीं बोला है। बता दें कि इस साल के शुरुआत में गांबिया में 70 बच्चों की मौत की खबर आई थी। इसके पीछे भी भारतीय दवा ही कारण बताया जा रहा है।