सीएम के दरवाजे से  मोड़ दिया जाता था- देवेंद्र भुट्टो

सीएम के दरवाजे से  मोड़ दिया जाता था- देवेंद्र भुट्टो
माता बहनें हमें ताना मारने लग गई थीं- भुट्टो

ऊना/  सुशील पंडित: कुटलैहड़ के पूर्व विधायक और कांग्रेस के बागी नेता देवेंद्र भुट्टो को भाजपा ने प्रत्याशी के रुप में फरवरी के बाद मंगलवार को ऊना पहुंचे। सबसे पहले मैहतपुर में भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। स्वागत के बाद भाजपा नेताओं का काफिला देवेंद्र भुट्टो के समर्थकों सहित कुटलैहड़ के गांव समूर कलां में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था वहां पहुंचे। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, ऊना के विधायक सतपाल सत्ती, राम कुमार, बलवीर चौधरी व काफी संख्या में भाजपाई भी मौजूद थे। इनकी मौजूदगी में भुट्टो को फूलों की माला पहनाई गई।


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भुट्टो ने कहा कि हम जीतकर विधानसभा पहुंचे थे लेकिन सीएम के दरवाजे पर ही हमें रोक दिया जाता था। सबसे दुख की बात यह थी कि सीएम चुनाव में हारे हुए नेताओं के साथ मिलकर दफ्तर में गप्पे मारते रहते और हम अपने कार्यों को पूरा करवाने के लिए दरवाजे पर ही इंतजार करते रह जाते। जब लंबे समय तक ऐसा होता रहा तो हमें भी अपने क्षेत्र की जनता के बारे में सोचना था। हमने जनता के हित में एक ऐसा फैसला लिया जिससे अब उम्मीद जगी है कि हिमाचल प्रदेश भाजपा के शासन में ही तरक्की कर सकता है। 

पिछले 15 महीनों में हालात ऐसे हो गए थे कि गांव गांव माताएं और बहनें हमें ताना मारने लगी थीं कि 1500 रूपए महीना पेंशन कब मिलेगी। गोबर और दूध कब खरीदोगे। ऐसे में जनता के सवालों के जवाब देने मुश्किल हो रहे थे। भुट्टो ने कहा कि आपदा के बाद हमारे क्रशर बंद कर दिए गए। जबकि हमारे क्रशर पूरे नियमों का पालन करते हुए चल रहे थे। मगर सरकार ने अपने चहेतों के क्रशर चालू रखे और हमारे बंद करवा दिए। पिछले 25 दिनों से कुटलैहड़ से गायब रहे भुट्टो ने कहा कि जब दंगल का मौदान खाली होता है तब कई पहलवान दंड पेलते हैं। उपचुनाव में कांग्रेस का कोई भी उम्मीदवार आ जाए। जीत भाजपा की ही होगी।