Electoral Bonds Case मामले में SBI को सुप्रीम कोर्ट से लगा बड़ा झटका

Electoral Bonds Case मामले में SBI को सुप्रीम कोर्ट से लगा बड़ा झटका

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को इलेक्टोरल बॉन्ड (चुनावी बॉन्ड) से जुड़े मामले को लेकर अहम सुनवाई हुई। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने राजनीतिक पार्टियों की ओर से भुनाए गए हर चुनावी बॉन्ड के ब्योरे का खुलासा करने के लिए और समय मांगा था। कोर्ट ने एसबीआई की इस अर्जी को खारिज करते हुए कल तक जानकारी देने को कहा है। सोमवार की सुनवाई के दौरान भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बैंक को चुनाव आयोग को चुनावी बांड का विवरण जमा करने के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत है।

साल्वे का कहना है कि एसबीआई की एकमात्र समस्या ये है कि पूरी प्रक्रिया को उलटना पड़ेगा। स्कीम की एसओपी के कारण कोर बैंकिंग सिस्टम और बांड नंबर में खरीदार का कोई नाम नहीं था। हमें बताया गया था कि इसे गुप्त रखा जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से कहा कि उसने अपने फैसले में बैंक से मिलान अभ्यास करने के लिए नहीं कहा है, हमने अपने निर्णय के तहत आपसे स्पष्ट खुलासा करने के लिए कहा है। इसलिए यह कहते हुए समय मांगना कि एक मिलान अभ्यास किया जाना है, उचित नहीं है, हमने आपको ऐसा करने का निर्देश नहीं दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको समय दिया था। आपने अब तक क्या किया? 6 मार्च तक जानकारी देनी थी। पिछले 26 दिन में आपने क्या कदम उठाए? आपकी अर्जी में इसे लेकर कुछ नहीं बताया गया। सारी जानकारी मुंबई की ब्रांच के पास है। कोर्ट ने कहा कि हमने डेटा मांगा था। दिक्कत कहां आ रही है, लिफाफा खोलिए, आंकड़ा उपलब्ध कराइए। कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक दलों ने पहले ही अपने द्वारा किए गए नकदीकरण का विवरण दे दिया है। खरीददारों का विवरण पहले से ही उपलब्ध है। एसबीआई की दलीलें पर्याप्त रूप से संकेत देती हैं कि जानकारी आसानी से उपलब्ध है। 30 जून, 2024 तक समय बढ़ाने की मांग करने वाली एसबीआई की अर्जी खारिज की जाती है। कोर्ट ने एसबीआई से कल तक जानकारी देने को कहा है। जिसे चुनाव आयोग को 15 मार्च तक वेबसाइट पर डालने होगा।