पंजाब से बड़ी ख़बरः अमृतपाल सिंह को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर

पंजाब से बड़ी ख़बरः अमृतपाल सिंह को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर

याचिका में लीगल एडवाईज़र ने बताया अमृतपाल की जान को खतरा

चंडीगढ़ः वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, अमृतपाल के दो दिन से कोई जानकारी ना मिलने के मामले में वारिस पंजाब दे के लीगल एडवाईज़र इमान सिंह खारा ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में दायर की है। सूत्रों के मिली जानकारी के मुताबिक पटीशन में कहा गया है कि अमृतपाल सिंह को पुलिस ने पकड़ रखा है लेकिन पेश नहीं किया जा रहा है। बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट (Habeas Corpus) नाम की इस पटीशन  में कहा गया है कि अमृतपाल सिंह की जान को खतरा है। 24 घंटे के बाद भी पुलिस कुछ नहीं बता रही है।

30 घंटे बाद भी अमृतपाल को नहीं किया अदालत में पेश 

मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि अमृतपाल गिरफ्तार हो गया है। 30 घंटे बाद भी अमृतपाल को अदालत में नहीं पेश किया गया है। खारा का कहना है कि यह संभव नहीं है कि 60 पुलिस की गाड़ियों के काफिले से अमृतपाल सिंह कैसे भाग गए। पटीशन में कहा गया है कि अमृतपाल सिंह का फेक एन्काऊंटर हो सकता है। इस मामले में अदालत में पंजाब सरकार की तरफ से एडवोकेट विनोद घई  ने सरकार का पक्ष पेश किया तथा कहा कि अमृतपाल सिंह अभी तक पकड़ा नहीं गया है।

21 मार्च को होगी सुनवाई

अदालत की तरफ से इस मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दिया है तथा 21 मार्च को दोबारा इस मामले में सुनवाई होगी। कोर्ट ने वारंट अफिसर तैनात करने की पटीशनर की मांग ठुकरा दी है। इस मामले में अमृतसर तथा जालंधर देहाती पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किए गए हैं।

क्या है Habeas Corpus (बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट )

पुलिस किसी भी नागरिक को बिना चार्ज किये महीनों, वर्षो तक कारागार में बंदी बना कर रख सकते है ऐसे में उन नागरिको के पास विरोध करने या चुनौती देने का कोई कानूनी साधन उपलब्ध नहीं होता है। बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट (Habeas Corpus)  गैरकानूनी बंदी या हिरासत में लिए जाने के खिलाफ़ नागरिकों के पास एक हथियार है जो नागरिकों को अपने हितो की रक्षा का लिए उच्चतम न्यायालय जाने का शक्ति प्रदान करता है।