विक्की कालिया सुसाइड मामलाः भाजपा नेता सहित 14 नामजद लोग अग्रिम जमानत में जुटे !

विक्की कालिया सुसाइड मामलाः भाजपा नेता सहित 14 नामजद लोग अग्रिम जमानत में जुटे !

जालंधर, वरुण/हर्षः कांग्रेस पार्षद सुशील कालिया के सुसाइड मामले में नामजद 14 लोगों में से पुलिस ने अभी तक एक की व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं हुई। विक्की कालिया के सुसाइड मामले में 3 दिन बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली है। वहीं आज कांग्रेस भवन में विक्की कालिया के परिवार को इंसाफ दिलवाने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता शाम 5 बजे कैंडल मार्च निकालने जा रहे है। मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा नेता सहित नामजद 14 लोगों में से अभी तक कोई भी इस केस को लेकर अपना पक्ष रखने के लिए सामने नहीं आया है। बताया जा रहा है कि नामजद सभी लोग गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने-अपने वकीलों के माध्यम से अग्रिम जमानत लेने में जुट गए हैं।

वहीं दूसरी ओर राजकुमार वेरका ने पूर्व भाजपा विधायक केडी भंडारी पर केस दर्ज होने के मामले को गलत ठहराया था। इस दौरान उन्होंने प्रशासन को 2 दिन के भीतर केस वापिस लेने की चेतावनी भी दी। राजकुमार वेरका ने कहा था कि अगर प्रशासन 2 दिन के भीतर केडी भंडारी के खिलाफ झूठा दर्ज किया केस वापिस नहीं लेंगे तो वह रोष प्रदर्शन करेंगे। वहीं इस केस को लेकर अपना पक्ष ना रखे जाने के बयान पर भाजपा नेता अशोक सरीन ने कहा कि भंडारी अंडरग्राउंड नहीं। वह कल भाजपा की बैठक में भी आए थे। लोगों से मिल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यदि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने पर केस दर्ज होंगे तो फिर कौन आगे आएगा। भाजपा प्रधान सुशील शर्मा ने कहा कि अभी सुसाइड नोट पर एफआईआर दर्ज हुई है। इसकी जांच पुलिस कर रही है। खुद केडी भंडारी ने निष्पक्ष जांच की मांग पुलिस कमिश्नर से की है। उन्होंने कहा कि भंडारी कोई अग्रिम जमानत के प्रयास नहीं किए हैं। उन्हें पूरी उम्मीद है कि इस गलत केस में भंडारी को क्लीन चिट मिलेगी।

बता दें कि वार्ड नंबर 64 से पार्षद सुशील कालिया उर्फ विक्की ने सुसाइड करने से पहले एक नोट लिखा था। यह सुसाइड नोट परिजनों ने पुलिस को सौंप दिया था। इस सुसाइड नोट में कालिया ने पूर्व विधायक केडी भंडारी, राजकुमार उनकी पत्नी अंजू, आकाश शर्मा, जतिंद्र चोपड़ा, गिन्नी चोपड़ा निवासी शिव नगर, राजन शारजा उनकी बेटी कृतिका, अश्विनी, विनोद सभी निवासी भगत सिंह कॉलोनी, राकेश मल्होत्रा निवासी इंडस्ट्रियल एरिया और जय महेंद्रू के नाम लिखे थे। मरने से पहले अपनी मौत का जिम्मेदार इन्हें ठहराया था।