पंजाबः परीक्षाओं में अब छात्र नहीं मार सकेंगे नकल, CCTV कैमरों से रखी जाएगी पैनी नजर

पंजाबः परीक्षाओं में अब छात्र नहीं मार सकेंगे नकल, CCTV कैमरों से रखी जाएगी पैनी नजर

चंडीगढ़ः परिक्षाओं के दौरान नकल के रुझान को जड़ से ख़त्म करने को यकीनी बनाने के मद्देनज़र पंजाब राज्य तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण बोर्ड (पीएसबीटीइ और आईटी) द्वारा परीक्षाओं में नकल विरोधी सख़्त नीतियां अपनाई जा रही हैं। तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री स. हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार के निर्देशों के मुताबिक पंजाब राज्य तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण बोर्ड ने पॉलिटेक्निक और फार्मेसी कॉलेजों के सभी परीक्षा केन्द्रों को सरकारी पॉलिटेक्निक और सरकारी आईटी आईज़ में तबदील करके परीक्षा में नकल को बिल्कुल ख़त्म करने का फ़ैसला लिया है। अब परीक्षाओं को सीसीटीवी निगरानी अधीन करवाना अनिवार्य कर दिया गया है क्योंकि बोर्ड ने सरकारी पॉलिटेक्निकों और सरकारी आईटी आईज़ में सीसीटीवी लगाने के लिए बड़ी रकम ख़र्च की है। विद्यार्थी की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सभी 220 पॉलिटेक्निकों और फार्मेसी कॉलेजों की सरकारी संस्थाओं के साथ मैपिंग की गई है, जिससे किसी भी विद्यार्थी को अपने परीक्षा केंद्र तक पहुँचने में दिक्कत का सामना न करना पड़े।

स. बैंस ने बताया कि सीसीटीवी निगरान बोर्ड ने 26 सरकारी पॉलिटेक्निकों और 115 सरकारी आईटी आईज़ में सीसीटीवी लगाने के लिए लगभग 3 करोड़ रुपए ख़र्च किये हैं। उच्च शिक्षा विभाग और पंजाबी यूनिवर्सिटी कैंपस के नये बने केन्द्रों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। स. हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि बोर्ड ने पहली बार सभी परीक्षा केन्द्रों में लगे सीसीटीवी कैमरों की निगरानी के लिए बोर्ड के दफ़्तर में कंट्रोल रूम स्थापित किया है। कंट्रोल रूम में परीक्षा केन्द्रों की निगरानी के लिए अधिकारियों का रोस्टर भी तैयार किया गया है। इससे परीक्षाओं में पूरी पारदर्शिता आई है।

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि पंजाब राज्य तकनीकी और औद्योगिक प्रशिक्षण बोर्ड और तकनीकी शिक्षा बोर्ड पंजाब राज्य में तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए निरंतर काम कर रहा है और पॉलिटेक्निक फार्मेसी डिप्लोमा कोर्सों की परीक्षाओं को निष्पक्षता और पारदर्शिता से करवाने के उद्देश्यों की प्राप्ति कर रहा है।। पिछली परीक्षाएं जोकि इससे पहले प्राईवेट अदारों में ली जाती थीं, में विद्यार्थियों की तरफ से नकल/ गलत तरीके इस्तेमाल किये जाने की कई शिकायतें सामने आईं थीं, जिससे न सिर्फ़ होशियार और मेहनती विद्यार्थियों का नुकसान हो रहा था, बल्कि तकनीकी शिक्षा प्रणाली की समूची प्रतिष्ठा पर भी धब्बा था। इसीलिए यह सुधार लागू किये गए हैं।

तकनीकी शिक्षा बोर्ड ने इन परीक्षा सुधारों को लागू करते हुए पहली बार उच्च शिक्षा संस्थाओं और पंजाबी यूनिवर्सिटी कैंपस में भी परीक्षा केंद्र बनाऐ हैं और परीक्षा केन्द्रों में तकनीकी शिक्षा, मैडीकल शिक्षा और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निगरान के तौर पर तैनात किया है। इन परीक्षाओ के दौरान तकनीकी शिक्षा विभाग और तकनीकी शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों की फ्लायंग सकूऐड टीमें भेज कर परीक्षा केन्द्रों की औचक चैकिंग भी की जा रही है। इसके इलावा ज़िला प्रशासन के अधिकारियों को भी अपने जिलों में परीक्षा केन्द्रों की चैकिंग करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।

मंत्री ने बताया कि ज़िलावार केन्द्रों की जांच करने के लिए प्रिंसिपलों की 14 फ्लायंग सकुऐड टीमों का गठन किया गया है। ज़िलावार केन्द्रों की जांच करने के लिए डीटीई/ बोर्ड की 13 टीमों का गठन किया गया है। डिप्टी कमिशनर दफ़्तर के अधिकारियों को भी अपने-अपने जिलों में केन्द्रों की चैकिंग करने की अपील की गई। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि इसके इलावा तकनीकी शिक्षा, मैडीकल शिक्षा और उच्च शिक्षा विभाग के 52 फेकल्टी मैंबर अलग-अलग परीक्षा केन्द्रों पर निगरान के तौर पर तैनात किये हैं, उन्होंने कहा कि मेहनती विद्यार्थी सरकार के यत्नों की सराहना कर रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि भविष्य में भी ऐसा जारी रहेगा।