कपूरथला : बारिश के कारण बनें बाढ़ जैसे हालात, PU ने परीक्षा की स्थगित

कपूरथला : बारिश के कारण बनें बाढ़ जैसे हालात, PU ने परीक्षा की स्थगित

कपूरथला : पंजाब में भीषण बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। दो दिन से लगातार हो रही बारिश से लोहियां और सुल्तानपुर लोधी इलाके में बाढ़ जैसे हालात हैं। तीन दर्जन से अधिक गांवों की करीब 25 हजार धान की फसल पानी में डूब गई है। इस गंभीर स्थिति का जायजा लेने के लिए पर्यावरणविद् और राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने गिद्दड़पिंडी और जानियां चाहल का दौरा किया। कैबिनेट मंत्री बलकार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाढ़ का पहले ही प्रबंधन करने के लिए उनकी ड्यूटी संत सीचेवाल की मदद के लिए लगाई है। इसीलिए वह आज गिद्दड़पिंडी और अन्य इलाकों का दौरा करने आए थे। उन्होंने लोगों को भरोसा दिया कि सरकार लोगों के साथ खड़ी है।

इससे पहले संत बलबीर सिंह सीचेवाल को गांव किल्लीवाड़ा, गिद्दड़पिंडी, भरोआणा के किसानों ने बताया कि पानी की निकासी के लिए बनी पुलियां लोगों ने बंद कर दी हैं। भरोआणा में तो मंड के कुछ लोगों ने जल निकासी के लिए बनाए गए गेट को भी खोलने से मना कर दिया है। इससे हजारों एकड़ फसल डूब सकती है। गिद्दड़पिंडी के सरपंच कुलवंत सिंह ने कहा कि 2019 में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी।

अब सतलुज नदी में पानी लगातार बढ़ रहा है और खेतों में पहले से ही पानी भरा है लेकिन कई लोग पानी निकालने में बाधा बन रहे हैं। बाढ़ रोकथाम कमेटी के अध्यक्ष कुलविंदर सिंह ने कैबिनेट मंत्री बलकार सिंह और डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल को बताया कि वर्ष 2020 और 2021 में संत बलबीर सिंह सीचेवाल के नेतृत्व में रेलवे पुल के नीचे से मिट्टी निकालकर गिद्दड़पिंडी को बाढ़ से बचाया गया था। इस बार हालात पहले से भी ज्यादा खराब हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने भरोआणा में पानी की निकासी को बाधित किया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। लोगों ने बताया कि कुतबीवाल, गिद्दड़पिंडी, वाड़ा जोध सिंह, किल्लीवाड़ा, वाटावाली कलां, वाटावाली खुर्द, सेखां मंगा, नल्ल, मंडला, भरोआणा समेत तीन दर्जन से अधिक गांवों की 25 हजार एकड़ धान की फसल पानी में डूब गई है। 

लोगों ने बताया कि अगर दो-तीन दिनों तक खेतों से पानी नहीं निकला तो धान की फसल बर्बाद हो जाएगी। डीसी जालंधर विशेष सारंगल और डीसी कपूरथला कैप्टन करनैल सिंह ने अपने-अपने जिलों के सभी अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर खेतों से पानी निकालने का निर्देश दिया है।