राम नाम से डेरा रुद्रानंद आश्रम बना आयोध्या

राम नाम से डेरा रुद्रानंद आश्रम बना आयोध्या

- आचार्य हेमानंद ने कहा प्रति वर्ष होगी भव्य शोभा यात्रा

ऊना/सुशील पंडित:डेरा बाबा रूद्रनंद आश्रम में महाराज श्री 1008 सुग्रीवानंद जी महाराज की अध्यक्षता में सोमवार को श्री अयोध्या जी में हो रही राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष पर विशेष पूजा अर्चना का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस सतसंग में भजन मंत्रोचारण के बीच आश्रम की गद्दी के उत्तराधिकारी आचार्य श्री हेमानंद जी महाराज ने भी राम की महिमा से हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं अमृत वर्षा की। उन्होंने कहा कि हम सब परम सौभाग्यशाली हैं। लगभग पांच सदियों के बाद हम प्रभु श्री राम के अयोध्या नगरी में आगमन के साक्षी बन रहे हैं। असंख्य बलिदानों के बाद यह दिन आया है। श्री अयोध्या नगरी में हो रही प्राण प्रतिष्ठा का दिव्य फल हम सबको भी मिलने वाला है।

श्री राम आज टेंट से निकलकर अपने भव्य मंदिर में प्रविष्ट हुए हैं। हमने जो आज देखा है उससे हमारा जीवन सफल हो चुका है। इतिहास में हम सभी का नाम अंकित हो गया है कि हमने अपने जीवन में ऐसा होता देखा था। उन्होंने इस सतसंग के विषय में कहा कि कुछ सप्ताह पहले मेरे मन में ऐसा भाव आया था कि इस दिन को कुछ ऐसा मनाया जाए कि आश्रम ही अयोध्या नगरी बन जाए। हमें भी अयोध्या नगरी से निमंत्रण आया था। लेकिन गुरुदेव महाराज के स्वास्थ को देखते हुए हमने इस दिव्य दिवस को यहीं ऊना में मनाने का निर्णय लिया। गुरुदेव के बिना वहां जाने का मन नहीं हुआ। पहले दिन 21 जनवरी को शोभायात्रा निकाली गई और आज सतसंग हो रहा है।

उन्होंने कहा कि गुरुदेव के परम भक्त प्रवेश जी से उस विचार को साझा किया और उन्होंने साकार कर दिया। ऐसी भव्य शोभायात्रा मैने भी अपने जीवन में पहली बार देखी है। यह कार्यक्रम गुरुदेव की आज्ञा और आप सब के सहयोग से हुआ है। शोभायात्रा के विषय में उन्होंने कहा कि अभी हम आश्रम से निकले भी नहीं थे कि शोभायात्रा की पहली झांकी कोटला तक पहुंच चुकी थी। जब हम ऊना पहुंचे तो तो हमने किसी से पूछा कि हमारी पहली झांकी कहां पहुंची है तो उन्होंने कहा कि वह तो वापस आश्रम आ चुकी है। जिन जिन भक्तों ने रास्ते में लंगर लगाए उन सब का मैं ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूं। इतनी बड़ी श्रद्धा और इतना बड़ा भाव देख मैं भाव विभोर हो गया हूं। उन्होंने सदाशिव ध्यूंसर महादेव मंदिर ट्रस्ट के प्रधान प्रवीण कुमार को भी साधुवाद प्रेषित किया जिन्होंने राम कथा के लिए विशेष रूप से बैजनाथ मंदिर से कथा वाचक श्री धीरज जी को आश्रम आने का निमंत्रण दिया था। 

घर घर में राम राज्य हो- आचार्य हेमानंद

सतसंग में आचार्य हेमानंद जी महाराज ने कहा कि जिस प्रकार देश में राम राज्य की शुरूआत हुई है उसी प्रकार प्रत्येक घर में राम राज्य स्थापित होना चाहिए। बच्चे बड़ों की सेवा और आदर करें। बड़े बुजुर्ग बच्चों को संस्कार से धनवान बनाएं। प्रभु श्री राम की भक्ति के साथ साथ अब रामायण में अंकित उनके आचरण को भी अपनाने का समय आ गया है। जो भी व्यक्ति श्री राम के दिखाए मार्ग पर चल पड़ेगा वह अपने आस पास राम राज्य को स्थापित कर देगा। उन्होंने अंत में कहा कि जैसी शोभायात्रा 21 जनवरी को निकली है क्या अगले वर्ष भी वैसी ही शोभायात्रा निकलेगी। मैं उन भक्तों की प्रतीक्षा में हूं जो आकर कहें कि हां अगले बरस इससे भी भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। महाराज ने उन भक्तों की भी सराहना की जिन्होंने 25 किमी पैदल यात्रा की। उन्होंने कहा मैं सभी के नाम तो नहीं जानता लेकिन उनके तप को मेरा नमन है।