नए साल पर मां वैष्णो देवी के दर्शन को लेकर श्राइन बोर्ड और पुलिस प्रशासन ने किए नियम लागू

नए साल पर मां वैष्णो देवी के दर्शन को लेकर श्राइन बोर्ड और पुलिस प्रशासन ने किए नियम लागू

जम्मूः नए साल को लेकर वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को लेकर विशेष तैयारियां की गई हैं। 1 जनवरी 2022 की मध्य रात्रि माता वैष्णो देवी भवन हादसे में 15 श्रद्धालुओं की जान चली जाने की घटना से सबक लेते हुए माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने कई अहम फैसले लिए हैं। इनमें पुलिस, एसएमवीडीएसबी के कैडर और सुरक्षा एजेंसियों के साथ बैठक की गई है। जिसमें कहा गया है कि अब आरएफआईडी कार्ड के बिना किसी भी यात्री को माता के दर्शन करने की अनुमति नहीं होगी। इसके लिए यात्रियों को पहले से ही रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

भीड़ ज्यादा होने पर श्राइन बोर्ड ने लागू किए नियम

हर बार नए साल पर वैष्णो देवी में यात्रियों की भीड़ काफी ज्यादा हो जाती है। इस बार कोई दुर्घटना न हो, इसके लिए श्राइन बोर्ड ने कई अहम फैसले किए हैं। श्राइन बोर्ड ने जो नियम वैष्णो देवी पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए लागू किए गए हैं उनमें यात्रा के दौरन कोविड प्रोटोकॉल को पूरी तरह से अनिवार्य कर दिया है। इसमें मास्क पहने बिना किसी को माता की आरती में शामिल होने एवं दर्शन की अनुमति नहीं होगी। यात्रा के दौरन यात्री के पास मास्क होना जरूरी है।

सुरक्षा के लिए सीसीटीवी से निगरानी

वैष्णो देवी यात्रा के दौरान सुरक्षा का विशेष ध्यान रखते हुए 500 के करीब 3डी सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं। 50 मीटर के फासले को सेक्टर का नाम दिया गया है। प्रत्येक सेक्टर में जवानों की ड्यूटी लगाई गई है, जिसमें श्राइन बोर्ड सहित पुलिस, सीआरपी के जवान तैनात किए जाएंगे।

आरएफआईडी यात्रा कार्ड के बिना नहीं मिलेगा प्रवेश

श्राइन बोर्ड ने वैष्णो देवी की यात्रा के लिए श्रद्धालुओं के लिए आरएफआईडी यात्रा कार्ड अनिवार्य कर दिया है। 50 हजार श्रद्धालुओं को 24 घंटे में यात्रा करने की अनुमति होगी। बोर्ड प्रशासन ने इसके लिए 6 सेक्टर बनाए हैं, जिनमें आधार शिविर कटरा, बाणगंगा, तारकोट, भैरव घाटी, वैष्णो देवी भवन अर्धकुमारी चरण पादुका समेत प्रत्येक सेक्टर में बोर्ड प्रशासन के डिप्टी सीईओ स्तर की तैनाती रहेगी।

इन स्थानों पर बने कंट्रोल रूम

तारकोटमार्ग, अर्धकुमारी, बाणगंगा आदि स्थानों पर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। निर्माणधीन दुर्गा भवन के मार्ग को दर्शन के उपरांत बाहर जाने के लिए अनिवार्य कर दिया है।