कनाडा में ट्रूडो सरकार का बड़ा एक्शनः1500 छात्रों के प्रवेश पत्र निकले फर्जी
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चंडीगढ़ः फर्जी एडमिशन लेटर के आधार पर कनाडा में प्रवेश करने वाले छात्रों के खिलाफ अब ट्रूडो सरकार ने बड़ा ऑपरेशन शुरू किया है। इसके लिए सरकार ने एक स्पेशल टास्क फोर्स बनाई है। कनाडा सरकार ने फर्जी अंतरराष्ट्रीय छात्रों को कनाडा में प्रवेश करने से रोकने के लिए नियमों को सख्त करना शुरू कर दिया है। नए वीजा नियमों की घोषणा शुक्रवार देर रात की गई। नए वीज़ा नियमों के तहत, कनाडा में किसी भी कॉलेज या विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए अध्ययन परमिट जारी करने से पहले प्रवेश पत्र को उस कॉलेज या विश्वविद्यालय द्वारा सत्यापित किया जाएगा। वहां से सत्यापन के बाद ही छात्रों को स्टडी वीजा जारी किया जाएगा।
नए अध्ययन वीजा नियम जारी करते हुए कनाडा के आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने कहा कि फर्जी प्रवेश पत्र हमारी सबसे बड़ी चिंता है। कई बार तो छात्रों को भी इस धोखाधड़ी के बारे में पता नहीं चल पाता है। ऐसे में हम भी छात्रों की मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं पिछले कई हफ्तों में कई अंतरराष्ट्रीय छात्रों से मिला हूं और उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि असली छात्रों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी जबकि फर्जी छात्रों को कनाडा में दाखिला नहीं दिया जाएगा।
इमिग्रेशन, रिफ्यूजिज और नागरिकता कनाडा (आईआरसीसी) ने धोखाधड़ी वाले प्रवेश के मामलों की जांच के लिए एक विशेष आईआरसीसी टास्क फोर्स बनाई है। आईआरसीसी टास्क फोर्स ने पहले ही फर्जी एडमिट कार्ड वाले 1500 से अधिक छात्र वीजा आवेदनों की पहचान कर ली है। इसमें से 450 छात्र फर्जी एडमिट कार्ड के सहारे किसी तरह कनाडा पहुंच गए। इनमें से 263 मामलों की जांच की जा रही है, जिनमें से 63 मामले असली और 103 मामले फर्जी पाए गए हैं। इनमें से करीब 25 मामले पंजाब के छात्रों से भी जुड़े हैं। अब फर्जी छात्रों को देश डिपोर्ट किया जाएगा। ऐसे मामलों में जहां छात्रों ने कुछ भी गलत नहीं किया है, उन्हें अस्थायी अध्ययन वीजा दिया जाएगा और अपनी पढ़ाई जारी रखने का अवसर दिया जाएगा। हालांकि, जालंधर के वीजा कंसल्टेंट द्वारा भेजे गए 700 छात्रों का मामला अलग है, जिसकी अलग से जांच चल रही है।