शारदीय नवरात्रि में घटस्थापना के लिए 46 मिनट का ये मुहूर्त है सबसे शुभ

शारदीय नवरात्रि में घटस्थापना के लिए 46 मिनट का ये मुहूर्त है सबसे शुभ

शारदीय नवरात्रि आज से प्रारंभ हो गए हैं। नवरात्रि में पहले दिन यानी प्रतपदा तिथि पर घटस्थापना की जाती है। घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त में करना शुभ माना जाता है। 15 अक्टूबर को यानी आज अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 44 मिनट से 12 बजकर 30 मिनट तक है।

आश्विन शुक्ल पक्ष के शारदीय नवरात्रि आज से शुरू हो चुके हैं। इस बार शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरू होंगे और दशहरे के साथ 24 अक्टूबर को इसका समापन होगा। इसे शक्ति प्राप्त करने की नवरात्रि भी कहा जाता है। नवरात्रि का शुभारंभ प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना के साथ होता है। घटस्थापना में देवी के नाम का कलश स्थापित किया जाता है। इसके बाद ही व्रत और देवी के स्वरूपों की पूजा आरंभ होती है। आइए जानते हैं कि शारदीय नवरात्रि में आज घटस्थापना का मुहूर्त क्या है।

नवरात्रि में घटस्थापना नवरात्रि के प्रथम दिन प्रतिप्रदा तिथि पर की जाती है। घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त में करना शुभ माना जाता है। अभिजीत मुहूर्त 15 अक्टूबर यानी आज सुबह 11 बजकर 44 मिनट से 12 बजकर 30 मिनट तक है। आप 46 मिनट की इस अवधि में घटस्थापना कर सकते हैं।

कलश को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है। इसलिए शुभ कार्यों से पहले कलश स्थापित करना अनिवार्य है। नवरात्रि में देवी दुर्गा की पूजा से पहले कलश स्थापित किया जाता है। इस दिन सुबह जल्दी उठें और स्नानादि के बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें। इसके बाद पूजा स्थल की साफ-सफाई करें, जहां कलश में जल भरकर रखा जाता है।

घटस्थापना में सबसे पहले कलश पर कलावा लपेटें। इसके बाद कलश के मुख पर आम या अशोक के पत्ते लगाएं। फिर नारियल को लाल चुनरी में लपटेकर कलश के ऊपर रख दें। इस कलश में साबुत सुपारी, फूल, इत्र, अक्षत, पंचरत्न और सिक्का डालना न भूलें। इस कलश को माता की चौकी के दाईं ओर रख दें। इसके बाद धूप, दीप जलाकर मां दुर्गा का आवाहन करें और शास्त्रों के मुताबिक मां दुर्गा की पूजा-उपासना करें।

नवरात्रि में पूजा कैसे करें?

नवरात्रि में पूरे नौ दिन सुबह-शाम दोनों समय पूजा करें. दोनों समय मंत्र का जाप करें और आरती भी करें। नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना सबसे उत्तम रहेगा। इसका नियमित पाठ करते रहें। अलग-अलग दिन अलग-अलग प्रसाद का भोग लगाएं। या दो दो लौंग रोज अर्पित करें।

ज्योतिष के अनुसार, शारदीय नवरात्रि इस वर्ष बेहद खास रहने वाले हैं। दरअसल, शारदीय नवरात्रि में 30 साल बाद एक बड़ा ही दुर्लभ संयोग बन रहा है। शारदीय नवरात्रि पर बुधादित्य योग, शश राजयोग और भद्र राजयोग एकसाथ बन रहे हैं। ऐसे में देवी के स्वरूपों की उपासना कहीं ज्यादा मंगलकारी और फलदायी हो सकती है।

शारदीय नवरात्रि में अपने घर में सात्विकता बनाए रखें। दोनों वेला देवी की पूजा-उपासना करें। अगर उपवास रखें तो केवल जल और फल ग्रहण करें। घर में लहसुन, प्याज या मांस-मछली का सेवन वर्जित है। व्रत रखने वाले लोग काले रंग के कपड़े बिल्कुल न पहनें। चौकी के पास जहां कलश और अखंड ज्योति जलाई जाती है, उस स्थान को कभी सूना न छोड़ें।

शारदीय नवरात्रि 2023 तिथियां
रविवार, 15 अक्टूबर 2023- मां शैलपुत्री (पहला दिन) प्रतिपदा तिथि
सोमवार, 16 अक्टूबर 2023- मां ब्रह्मचारिणी (दूसरा दिन) द्वितीया तिथि
मंगलवार, 17 अक्टूबर 2023- मां चंद्रघंटा (तीसरा दिन) तृतीया तिथि
बुधवार, 18 अक्टूबर 2023- मां कुष्मांडा (चौथा दिन) चतुर्थी तिथि
गुरुवार, 19 अक्टूबर 2023- मां स्कंदमाता (पांचवा दिन) पंचमी तिथि
शुक्रवार, 20 अक्टूबर 2023- मां कात्यायनी (छठा दिन) षष्ठी तिथि
शनिवार, 21 अक्टूबर 2023- मां कालरात्रि (सातवां दिन) सप्तमी तिथि
रविवार, 22 अक्टूबर 2023- मां महागौरी (आठवां दिन) दुर्गा अष्टमी
सोमवार, 23 अक्टूबर 2023- महानवमी, (नौवां दिन) शरद नवरात्र व्रत पारण
मंगलवार, 24 अक्टूबर 2023- मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन, दशमी तिथि (दशहरा)