पंजाबः घर के बाहर खड़ी गाड़ी का शिमला में कटा चालान

पंजाबः घर के बाहर खड़ी गाड़ी का शिमला में कटा चालान

जीरकपुर: हिमाचल प्रदेश पुलिस ने जीरकपुर में खड़ी एक कार का चालान काट दिया। एमएस एनक्लेव, ढकोली निवासी आकाश की शेवरले बीट गाड़ी की रॉन्ग साइड पार्किंग दिखा उन्हें 1 हजार का ई-चालान भेजा गया है। आकाश का कहना है कि वह अपनी गाड़ी लेकर शिमला में संबंधित जगह कभी गए ही नहीं, जहां का चालान दिखा रखा है। वहीं मामले में हैरान करने वाली बात यह है कि ई चालान में फोटो स्विफ्ट डिजायर गाड़ी की है। उस गाड़ी का नंबर चालान स्लिप में PB65Z7623 है। वहीं आकाश की शेवरले गाड़ी की नंबर PB65 2 7624 है।

इससे पहले भी हिमाचल प्रदेश के आरटीओ विभाग ने चंडीगढ़ के ऑटो चालक और एक कैब ड्राइवर का हिमाचल प्रदेश में चालान दिखाया था। हालांकि बाद में विभाग ने अपनी गलती मान ली थी। हिमाचल में रॉन्ग पार्किंग का चालान दिखाया हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा चालान स्लिप में नाम, पता और कार का नंबर आकाश का लिखा है। जबकि फोटो किसी अन्य कार की है। शिमला के किसी पेट्रोल पंप के नजदीक ओल्ड बैरियर के पास रॉन्ग पार्किग का यह चालान दिखाया गया है। एक हजार रुपए का यह चालान किया गया है।

इससे पहले बीते नवंबर महीने में चंडीगढ़ के एक ऑटो चालक दुर्गानंद को हिमाचल प्रदेश आरटीओ, शिमला ने 27,500 रुपए का चालान उनके नंबर पर भेजा था। लोक अदालत में उन्हें यह चालान भुगतने को कहा गया था। बद्दी (हिमाचल प्रदेश) में चालान दिखाया गया था। हालांकि इस मुद्दे को लेकर आरटीओ ने ऑटो चालक को बताया था कि उनके नंबर पर गलत चालान आ गया था। यह किसी हरियाणा नंबर की बस का चालान था । बस और ऑटो में कंफ्यूजन बस का नंबर HR68 B 8922 था।

वहीं दुर्गा नंद के ऑटो का नंबर HR 68 B 8822 था। विभाग ने गलती से गलत नंबर चढ़ा ऑटो वाले को चालान भेज दिया था। दुर्गानंद घबरा गए थे जब उन्हें कहा गया था कि चालान जमा न करवाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ऑटो चालक का कहना था कि वह कभी ऑटो को ट्राईसिटी (चंडीगढ़-पंचकूला-मोहाली) से बाहर ही नहीं लेकर गया। चंडीगढ़ ऑटो यूनियन के प्रेसिडेंट अनिल कुमार ने कहा कि पहले अक्टूबर में कैब चालक का 35 हजार रुपए का चालान आया था। उसके बाद नवंबर में ऑटो चालक का 27,500 रुपए का चालान का चुका है। वहीं अब जीरकपुर के एक व्यक्ति का 1 हजार रुपए का गलत चालान भेजा गया है। अनिल कुमार ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश आरटीओ विभाग और पुलिस को अपनी गलती सुधारनी चाहिए।