पंजाबः सऊदी अरब की जेल में फंसा नोजवान पहुंचा अपने घर, देखें वीडियो

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1 साल की सजा और 100 रियाल का हुआ था जुर्माना

नूरपुर बेदीः अच्छे रोजगार की तलाश में पंजाब के युवा लगातार विदेश जाते हैं और कई बार विदेश में यह युवा वहां की सरकार का शिकार हो जाते हैं, जिसके चलते हुए कई बार उनको कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसी ही एक घटना नूरपुर बेदी के अधीन पड़ते गांव मुन्ने के जरनैल सिंह के पुत्र हरप्रीत सिंह के साथ हुआ है l जिसको एक पाकिस्तानी दोस्त की तरफ से छल कपट का शिकार होना पड़ा और सऊदी अरब की जेल में 1 साल से अधिक जेल में गुजारने पड़े।

इस मौके पर जानकारी देते हुए जनरल सिंह ने बताया कि उनका पुत्र हरप्रीत सिंह 24 दिसंबर 2020 को सऊदी अरब में रोजी-रोटी कमाने गया था और वहां जिस कंपनी की कार चला रहा था उसकी चोरी हो गयी। सऊदी अरब की पुलिस ने उन्हें 11 अगस्त 2021 को जेल भेज दिया और उन्हें एक साल की सजा सुनाई, लेकिन सजा पूरी होने के बाद भी उन्हें जेल से रिहा नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब में एक गरीब परिवार का बच्चा एक छोटी सी गलती के कारण जेल में बंद है और वह काजी द्वारा दी गई लगभग दोगुनी सजा काट चुका था। मगर जहां उसे एक साल की सजा सुनाई गई वही 100 रियाल जुर्माना भी किया गया था जिसकी भारत में रकम 2500 रुपए बनती है वह जुर्माना न देने के चलते हुए उसके बेटे को दुगनी सजा भुगतनी पड़ी। मगर अब उसका बेटा उसके घर आ गया है जिसके चलते हुए उन्होंने अन्य युवाओं को भी अपील की है कि वह इंडिया में रहकर ही कोई ना कोई काम करें।

सऊदी की कोर्ट ने किया था 100 रियाल जुर्माना, भारत का बनता है 2500 रुपए 

वहीं उक्त जुबान ए मीडिया के साथ बातचीत करते हुए बताया है कि कोर्ट की तरफ से उसको एक साल की कैद और 100 रियाल जुर्माना किया गया था, जो भारत का लगभग ₹2500 बनता है, वहीं उसने कहा है कि उसकी सजा तो पूरी हो चुकी थी मगर जो जुर्माना है उसको भरने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे जिसके चलते हुए उसको, उसे अधिक समय जेल में रहना पड़ा, वही उसने बताया है कि जुर्माना भरकर ही वहां से वह आ सकता था जिसके लिए उसके वहां पर रहते दोस्तों ने उसकी मदद की थी और उसका जुर्माना भरा था।

गुरसिख परिवार से है युवा, जेल में बाल काट दिए गए

वही इस मौके पर युवा की तरफ से अपने जेल के बारे में बताते हुए कहा है कि उसको जेल में जाते समय ही उसके बाल काट दिए गए थे, उस समय उसको बहुत दुख हुआ क्योंकि वह गुरसिख परिवार के साथ संबंध रखते हैं

दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अपने बेटे की बुरी हालत देख कर मुश्किल से पहचान पाई अपने बेटे को मां

वही इस मौके पर युवा की मां ने बताया है कि वे उसे रेलवे स्टेशन दिल्ली लाने गए थे वहां पर जब उसने अपने बेटे की हालत देखी तो उसके आंसू नहीं रोक पाए वही, और अपने बेटे को वहां पर नए कपड़े लेकर और चपप्लें लेकर दी गई।

गले लग कर रोया बूढ़ा बाप

वही अपने पुत्र की घर वापसी की आस छोड़े बैठे हुए बूढ़े बाप को जब उसके जुबा बेटे की आने की समाचार प्राप्त हुआ और आज जब देर शाम वह अपने घर पहुंचा तो बूढ़ा बाप अपने बेटे के गले लगकर रोने लगा।

कर्जा उठाकर गया था विदेश

वही इस मौके पर जानकारी देते हुए बताया गया है कि भारत में काम ना मिलने के चलते हुए विदेश गया था और उसके माता-पिता ने लगभग ₹200000 का कर्जा उठाकर उसे विदेश भेजा था और जाते समय ही उसके साथ यह घटना हो गई जिसके चलते हुए वह वहां पर अब तक जेल में बंद रहा।

एसडीएम रूपनगर ,समाजसेवी गौरव राणा और दविंदर बाजाड का किया धन्यवाद

वही इस मौके पर पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए युवा के पिता जरनैल सिंह ने कहां है कि नूरपुर बेदी के समाजसेवी गौरव राणा तथा रविंद्र बाजाड की तरफ से जेल में बंद उसके बेटे की रिहाई की आवाज बुलंद की थी, जिसके चलते हुए शुरुआत इन उक्त समाजसेवियों की तरफ से ही की गई थी। वहीं उन्होंने बताया है कि उनके पास एसडीएम रूप नगर सरदार हरबंस सिंह की तरफ से भी उसके बेटे की घर वापसी के लिए प्रयास किए गए थे, इसलिए उन्होंने इन सभी का धन्यवाद किया है ।