T20 World Cup से पहले इस खतरनाक बल्लेबाज ने लिया संन्यास

T20 World Cup से पहले इस खतरनाक बल्लेबाज ने लिया संन्यास

नई दिल्लीः न्यूजीलैंड के विस्फोटक बल्लेबाजों में शुमार 37 साल के कॉलिन मुनरो ने संन्यास ले लिया है हालांकि वह फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलना जारी रखेंगे। मुनरो ने अपना आखिरी मैच भारत के खिलाफ साल 2020 में बे ओवल में खेला था, इसके बाद उन्हें दोबारा कभी मौका नहीं मिला। इसके बावजूद उन्होंने खुद को आगामी टी-20 विश्व कप के लिए उपलब्ध बताया था और इस पर विचार किया जा रहा था। न्यूजीलैंड के कोच ग्रे स्टीड ने पुष्टि की कि टीम की घोषणा के समय मुनरो के बारे में चर्चा की गई थी, लेकिन अनुभवी बाएं हाथ के खिलाड़ी की जगह नहीं बन पाई। पिछले चार साल में वह पूरी तरह फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलने लगे थे। मुनरो ने न्यूजीलैंड के लिए वनडे, टेस्ट और टी-20 मिलाकर कुल 123 इंटरनेशनल मैच खेले।

65 टी-20, 57 वनडे और एक टेस्ट में न्यूजीलैंड का प्रतिनिधित्व करने वाले कॉलिन मुनरो ने तीन हजार से ज्यादा रन बनाए और सात विकेट लिए। टी-20 इंटरनेशनल में उनके नाम तीन शतक भी हैं, जिसमें साल 2018 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 47 गेंदों में सेंचुरी भी शामिल है, जो उस समय न्यूजीलैंड का रिकॉर्ड था, उन्होंने भारत के खिलाफ भी टी-20 सेंचुरी लगाई है। मुनरो ने श्रीलंका के खिलाफ 14 गेंदों में अर्धशतक भी बनाया है जो ब्लैक कैप्स रिकॉर्ड है जो टी-20 इंटरनेशनल में चौथा सबसे तेज है। मुनरो ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का अंत न्यूजीलैंड के छठे सबसे ज्यादा टी-20 रन स्कोरर बल्लेबाज के रूप में किया, जिसमें 31 की औसत से 1,724 रन और 156.4 की स्ट्राइक-रेट शामिल है।

अपने संन्यास के मौके पर मुनरो ने कहा, 'ब्लैक कैप्स के लिए खेलना हमेशा मेरे करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है। मुझे उस जर्सी को पहनने से ज्यादा गर्व कभी महसूस नहीं हुआ और मैं 123 बार ऐसा करने में कामयाब रहा। यह कुछ ऐसा है जिस पर मुझे हमेशा अविश्वसनीय रूप से गर्व रहेगा। टी-20 विश्व कप के लिए ब्लैक कैप्स टीम की घोषणा के साथ अब यह एकदम सही है। उस अध्याय को आधिकारिक तौर पर बंद करने का समय आ गया है।' न्यूजीलैंड क्रिकेट के मुख्य कार्यकारी स्कॉट वेनिंक ने कहा कि मुनरो को न्यूजीलैंड के लिए अग्रणी शॉर्ट-फॉर्म बल्लेबाज के रूप में याद किया जाएगा। कॉलिन हमारे पहले खिलाड़ियों में से एक थे जिन्होंने आक्रामक, 360-डिग्री शैली की बल्लेबाजी को अपनाया, जिसे अब दुनिया भर में सर्वोत्तम अभ्यास के रूप में स्वीकार किया जाता है।'