पंजाबः सरकारी कर्मचारियों ने किया कलम छोड़ हड़ताल का ऐलान

पंजाबः सरकारी कर्मचारियों ने किया कलम छोड़ हड़ताल का ऐलान

रोपड़ः रूपनगर जिले में कर्मचारियों ने आज कलम छोड़ हड़ताल का ऐलान किया है। दरअसल, उनका कहना है कि स्थानीय विधायक दिनेश चड्ढा ने तहसील दफ्तर में लोगों के सामने उन्हें जलील किया है। जिसके विरोध में उन्होंने विधायक के खिलाफ मोर्चा खोला है। कर्मचारियों का आरोप है कि रजिस्ट्रेशन का सारा रिकॉर्ड दबावा बनाकर अपने निजी दफ्तर में गैर-कानूनी तरीके से मंगवाया। डीसी ऑफिस, तहसील कर्मचारियों, मिनिस्ट्रियल स्टाफ यूनियन ने कहा है कि इसके लिए विधायक तुरंत माफी मांगें।

इसी बीच विधायक ने कर्मचारियों को काउंटर करने के लिए अपने समर्थकों के माध्यम से एक प्रेस रिलीज जारी करवाई है, जिसमें कहा गया है कि विधायक चड्ढा की भ्रष्टाचार के खिलाफ यह एक अच्छी पहल है। साथ ही कहा है कि जिन कर्मचारियों ने विधायक के खिलाफ हड़ताल की घोषणा की है, वह गैर-कानूनी और असंवैधानिक है। जनप्रतिनिधि को जनहित में सार्वजनिक संस्थानों की चैकिंग का पूरा अधिकार है।

रूपनगर की पटवारी कानूनगो यूनियन, डीसी दफ्तर कर्मचारी यूनियन का आरोप है कि विधायक जब तहसील में कर्मचारियों और अधिकारियों को सार्वजनिक तौर पर जलील कर रहे थे तो उसका सीधा प्रसारण वह अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी कर रहे थे। डीसी को भेजी शिकायत में कहा गया है कि विधायक की इस हरकत से कर्मचारी मानसिक दबाव और तनाव में हैं और काफी परेशान भी हैं। विधायक माफी नहीं मांगते तो कलम छोड़ हड़ताल पर रहेंगे।


इसी बीच राज्य मिनिस्ट्रियल स्टाफ यूनियन ने भी विधायक के खिलाफ संघर्ष का ऐलान कर दिया है। यूनियन के प्रधान तेजिंदर सिंह नंगल और महासचिन नरिंदर चीमा का कहना है कि विधायक कानून अपने निजी दफ्तर में रजिस्ट्रेशन से संबंधित महत्वपूर्ण रिकॉर्ड तलब नहीं कर सकता। विधायक को सबके सामने किसी कर्मचारी को जलील करने का कोई अधिकारी नहीं है। प्रधान तेजिंदर सिंह नंगल और महासचिन नरिंदर चीमा ने कहा कि यदि उन्हें कोई दिक्कत है तो वह अधिकारियों को शिकायत करें। उन्हें अपने आप तहसीलदार की कुर्सी पर बैठ कर रिकॉर्ड चैक करने का कोई राइट नहीं है। अपनी इस हरकत से लिए विधायक तुरंत माफी मांगें, नहीं तो राज्य स्तर पर संघर्ष छेड़ा जाएगा।

उन्होंने कहा कि विधायक की वजह से कर्मचारी मानसिक तनाव में हैं। विधायक के समर्थन में उतरी सिविल सोसाइटी ने कहा है कि यदि कोई विधायक भ्रष्टाचार को लेकर मिल रही शिकायतों की जांच के लिए तहसील में जाता है तो वह गलत कैसे है। सोसाइटी ने आरोप लगाया कि तहसील में लोगों को अपने काम करवाने के लिए परेशान होना पड़ता है और भ्रष्टाचार के माध्यम से कुछ ले-देकर काम करवाने पड़ते हैं। विधायक ने कुछ भी गलत नहीं किया है।

सिविल सोसाइटी के सदस्यों गोपाल गौशाला के पूर्व अध्यक्ष प्रेम कपूर, ललित सूद, योगेश मोहन पंकज, अमरदीप ऋषि, राजिंदर सिंह, केएल चोपड़ा, संदीप कुमार, जसविंदर सिंह जस्सी, शिव कुमार सैनी, सुरिंदर सिंह बबानी, गुरप्रीत सिंह हीरा, अवतार कृष्ण ने कहा कि एडवोकेट दिनेश चड्ढा ने जनहित में भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस पहल की है। भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और शीघ्र ही भ्रष्टाचार के मामले सार्वजनिक किए जाएंगे।