बठिंडा हत्याकांड: हमलावरों ने हत्या से पहले की थी रेकी, चुना था सुबह 4.35 का समय!

बठिंडा हत्याकांड: हमलावरों ने हत्या से पहले की थी रेकी, चुना था सुबह 4.35 का समय!

बठिंडाः सेना की छावनी में ऑफिसर मेस के पास 80 मीडियम रेजिमेंट की आर्टिलरी यूनिट की बैरक में सो रहे चार जवानों की हत्या करने वाले हमलावरों का कुछ पता नहीं चल पाया है। उनकी तलाश में सेना ने देर शाम तक कैंट एरिया के जंगल में सर्च अभियान जारी रखा। जांच में सामने आया है कि जिन आरोपियों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया, उन्होंने पहले पूरी रेकी की थी। इसके बाद ही उन्होंने हत्या के लिए सुबह 4:35 बजे का समय चुना, जिस समय जवान सो रहे थे। हत्यारे जिस तरह हत्या के बाद जंगल की तरफ फरार हो गए, उससे भी आशंका जताई जा रही है कि उन्होंने पहले ही पूरी तैयारी कर ली थी। हेलीकॉप्टर और ड्रोन की मदद से तलाश के बावजूद हत्यारे हाथ नहीं आए।

पंजाब पुलिस के सूत्रों के अनुसार आरोपी जंगल में ही छिपे हो सकते हैं। हत्या के लिए किसी भी बाहरी व्यक्ति का हथियार लेकर कैंट क्षेत्र में दाखिल होना नामुमकिन है। इस घटना को दो दिन पहले राइफल और कारतूस चोरी होने की घटना से जोड़ कर देखा जा रहा है। जिन दो आरोपियों के हुलिये के बारे में एफआईआर में जिक्र किया गया है, उससे संभावना है कि दोनों आरोपी अंदर से ही हो सकते हैं। बुधवार देर शाम को सिविल अस्पताल में चारों जवानों का डॉक्टर दीप रत्न ने पोस्टमार्टम किया। पंजाब पुलिस के सूत्रों अनुसार चारों सैनिकों को तीन तीन से ज्यादा गोलियां उनके शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर लगी हैं।

चारों सैनिकों की करीब तीन से चार साल की सर्विस बताई जा रही है। दो का जन्म 1999 और दो का जन्म 1998 में हुआ है। बठिंडा सैन्य छावनी में चार जवानों की हत्या में इंसास राइफल का इस्तेमाल हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस राइफल को प्रशिक्षित व्यक्ति ही चला सकता है। यह राइफल ज्यादातर सेना के जवानों के पास ही होती है। इससे संभावना जताई जा रही है कि हत्या करने वाले अंदर से ही हैं, जिन्होंने हत्याकांड को अंजाम दिया।