पितृ पक्ष की अमावस्या पर लग रहा सूर्य ग्रहण, जाने क्या होगा असर

पितृ पक्ष की अमावस्या पर लग रहा सूर्य ग्रहण, जाने क्या होगा असर

नई दिल्ली : पितृ पक्ष की अमावस्या 14 अक्टूबर शनिवार के दिन है। इसी दिन साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है। यानि इसबार श्राद्ध के अंतिम दिन ही सूर्य ग्रहण रहेगा। ग्रहण 14 अक्टूबर की रात 8 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा और मध्य रात्रि 2 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगा। बता दें, इसके कुछ घंटे पहले से ही सूतक काल प्रारंभ हो जाता है। ऐसे में कोई भी शुभ काम करने की मनाही होती है। दरअसल, ग्रहण काल को अशुभ माना जाता है। ऐसे में सर्व पितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का क्या और कैसा प्रभाव होगा आइए इस बारे में जानते हैं।

सूर्य ग्रहण के दिन पितरों का श्राद्ध या तर्पण करने से पूर्वज होते हैं बेहद प्रसन्न 

ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक, ग्रहण या सूतक काल के समय श्राद्ध कर्म करना बेहद पुण्यदायी माना जाता है। कहते हैं कि सूर्य ग्रहण के दिन पितरों का श्राद्ध या तर्पण करने से हमारे पूर्वज बेहद प्रसन्न होते हैं। यही नहीं, इस दिन पितरों के नाम का दान-पुण्य करने से पितृ दोष भी दूर होता है। इसके अलावा, देवी-देवता भी प्रसन्न होकर भक्तों पर अपनी असीम कृपा बरसाते हैं। जानकारी के लिए बता दें, ग्रहण के समय श्राद्ध करने से कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं होगा। बिना किसी भय के आप श्राद्ध कर सकते हैं।

पितृपक्ष में क्या नहीं करना चाहिए?

पितृपक्ष के दौरान कोई भी नई चीज नहीं खरीदनी चाहिए।‌ माना जाता है कि इस दौरान किसी भी घर आए मेहमान का अनादर नहीं करना चाहिए। पितृ पक्ष के दौरान पशु,पक्षियों और जानवरों को परेशान नहीं करना चाहिए। इससे पितर नाराज हो जाते हैं। इसलिए, पितृ पक्ष के दौरान गाय, कुत्ते, कौए और चिटियों को खाना जरूर खिलाना चाहिए।