कनाडा और भारत के रिश्तों में आई खटास, लगाए ये गंभीर आरोप

कनाडा और भारत के रिश्तों में आई खटास, लगाए ये गंभीर आरोप

नई दिल्लीः कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर सिख नेता की हत्या का आरोप लगाया है। ट्रूडो ने सोमवार को संसद में कहा- भारत सरकार के एजेंट्स ने जून में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में सिख समुदाय के नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की थी। ट्रूडो ने ये भी कहा कि 9-10 सितंबर को भारत में हुई G20 बैठक के दौरान उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने इस मुद्दे को उठाया था। कनाडाई सरकार को जो खुफिया जानकारी मिली है, उसके आधार पर वे ऐसा आरोप लगा रहे हैं।

वहीं, कनाडा की विदेश मंत्री मेलनी जॉली ने बताया कि उनकी सरकार ने एक भारतीय डिप्लोमैट को देश निकाला दिया है, जो कनाडा में भारतीय इंटेलिजेंस के प्रमुख थे। हालांकि, जॉली ने इस डिप्लोमैट के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। भारत ने कनाडा की तरफ से लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा- कनाडा के सभी आरोप बेतुके हैं। इसी तरह के आरोप कनाडाई प्रधानमंत्री ने हमारे PM मोदी के सामने भी रखे थे और उन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया गया था। इस तरह के निराधार आरोप खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों से ध्यान हटाने की कोशिश है। इन्हें कनाडा में पनाह दी गई है और ये भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा हैं।

ट्रूडो ने सांसदों से कहा- कनाडा की धरती पर किसी नागरिक की हत्या करवाने में विदेशी सरकार का शामिल होना, हमारे देश की संप्रभुता का उल्लंघन है। हम इस हत्या की जांच में सहयोग देने के लिए भारत सरकार पर दबाव बनाएंगे। प्रधानमंत्री ट्रूडो ने कहा- कनाडा में रहने वाली भारतीय मूल के सिखों की बड़ी आबादी इस हत्या को लेकर गुस्से से भरी है। कई सिख अपनी सुरक्षा को लेकर डर में हैं। देश में 14-18 लाख के बीच भारतीय मूल के नागरिक हैं, जिनमें से कई सिख हैं। कनाडा की विपक्षी पार्टी न्यू डेमोक्रटिक पार्टी के लीडर जगमीत सिंह सिख समुदाय से हैं। निज्जर पंजाब के जालंधर के भार सिंह पुरा गांव का रहने वाला था। गांव के सरपंच राम लाल ने बताया कि निज्जर 1992 में कनाडा चला गया था।

वो खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का प्रमुख था। वो भारतीय एजेंसियों की मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट में शामिल था। NIA ने 40 आतंकियों की लिस्ट जारी की थी, उसमें भी निज्जर का नाम था। ब्रैंपटन शहर में खालिस्तान के हक में रेफरेंडम करवाने में भी उसकी भूमिका थी। निज्जर के खिलाफ पुलिस ने 23 जनवरी, 2015 को एक लुकआउट नोटिस और 14 मार्च, 2016 को एक रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। इसमें उसके प्रत्यर्पण की मांग की गई थी। कनाडा में निज्जर के खिलाफ 10 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था।